हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मास शिवरात्रि का व्रत किया जाता है। 29 दिसंबर को चतुर्दशी तिथि है इसलिए इस दिन साल का अंतिम मासिक शिवरात्रि व्रत रखा जाएगा। इस दिन पर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। साथ ही मानसिक, पारिवारिक और वैवाहिक जीवन में सुख के लिए भी मासिक शिवरात्रि के दिन व्रत रखा जाता है। साल 2024 की आखिरी मासिक शिवरात्रि के दिन श्रद्धापूर्वक व्रत रखकर आप नए साल में भगवान शिव के आशीर्वाद के साथ प्रवेश कर सकते हैं। आइए ऐसे में जान लेते हैं कि, मासिक शिवरात्रि के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है और इश दिन किस विधि से आपको शिव पूजन करना चाहिए।
मासिक शिवरात्रि शुभ मुहूर्त
मासिक शिवरात्रि के का व्रत कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को रखा जाता है। पौष कृष्ण चतुर्दशी तिथि 29 दिसंबर को सुबह 3 बजकर 32 मिनट से शुरू हो जाएगी। वहीं चतुर्दशी तिथि का समापन 30 दिसंबर को सुबह 4 बजकर 1 मिनट पर होगा। इसलिए मासिक शिवरात्रि का व्रत 29 दिसंबर को ही रखा जाएगा। शिवरात्रि के दिन रात्रि पूजन का महत्व है, इसलिए रात्रि में शुभ मुहूर्त के दौरान आपको शिव पूजन अवश्य करना चाहिए।
पूजा के लिए शुभ मुहूर्त- रात्रि 11 बजकर 56 मिनट से रात्रि 12 बजकर 51 मिनट तक। यानि पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 55 मिनट का रहेगा।
मासिक शिवरात्रि पूजा विधि
मासिक शिवरात्रि के दिन प्रात:काल स्नान-ध्यान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके बाद भगवान सूर्य को जल अर्पित करें। फिर मंदिर को गंगाजल से शुद्ध करें। शिवजी की पूजा आरंभ करें और उन्हें कच्चा दूध, बेलपत्र, गंगाजल, धतूरा, भांग, धूप-दीप, फल, फूल और मिठाई अर्पित करें। शिवजी के सामने घी का दीपक जलाएं और शिव चालीसा का पाठ करें। साथ ही शिवजी के मंत्रों का जप भी करें। अंत में शिवजी को प्रसाद का भोग लगाएं और अन्य लोगों में भी इसका वितरण करें। भगवान शिव के साथ ही आपको माता पार्वती की पूजा भी इस दिन अवश्य करनी चाहिए। वहीं सुबह की पूजा के साथ ही रात्रि पूजन भी शिवरात्रि के दिन जरूर करना चाहिए। मासिक शिवरात्रि के दिन रात्रि में पूजा करना आवश्यक होता है।
महत्व
मासिक शिवरात्रि का व्रत करने से भक्तों की मनोकामनाओं को भगवान शिव पूरा करते हैं। साथ ही दांपत्य जीवन की खुशियों के लिए भी इस दिन व्रत रखा जाता है। अगर आपका विवाह नहीं हो पा रहा है या वैवाहिक जीवन में परेशानियां हैं, तो मासिक शिवरात्रि का व्रत रखने से दूर हो सकती हैं। इसके साथ ही जो लोग आध्यात्मिक पथ पर अग्रसर हैं वो भी शिवरात्रि का व्रत रख सकते हैं, इससे उनकी आध्यात्मिक उन्नति होती है।
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