नया साल, यानी छुट्टियों का दौर. इन छुट्टियों में बहुत संभव है कि आप कहीं घूमने जाने का प्लान बना रहे होंगे (छुट्टी नहीं मिल रही, घूमने नहीं जा पा रहे? कोई बात नहीं, होता है!). ऐसी ही एक घूमने की जगह है, गोवा. कई लोग इसे ‘पर्यटन राजधानी’ तक कहते हैं. लेकिन ख़बर है कि यहां बीते दिनों पर्यटकों की संख्या में कमी आई है. विदेशी पर्यटक और ज़्यादा खर्च करने वाले पर्यटक काफ़ी हद तक नदारद हैं ये कहना है कि गोवा में समुद्र के किनारे शैक यानी झोपड़ियां लगाने वालों का.
गोवा के पर्यटन विभाग ने अगस्त, 2024 समुद्र के किनारे अस्थायी तौर पर झोपड़ियां बनाने के लिए लाइसेंस जारी किया था. ये झोपड़ियां आमतौर पर बांस, लकड़ी के खंभों और ताड़ के पत्तों जैसे पर्यावरण-अनुकूल सामानों से बनाई जाती हैं. सरकार गोवा के बेरोजगार लोगों को 1 सितंबर से 31 मई तक के ‘चरम पर्यटन सीजन’ के दौरान समुद्र तट पर ये अस्थायी झोंपड़ियां चलाने की मंजूरी देती है.
लेकिन झोपड़ी मालिकों का कहना है कि इस लाइसेंस के बावजूद, तटीय क्षेत्र में झोपड़ियों में अपेक्षाकृत कम लोग रह रहे हैं. इसे लेकर गोवा में झोपड़ियों के मालिकों की वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष क्रूज़ कार्डोज़ो ने भी इस बातचीत में उन्होंने बताया
पहले गोवा की ये झोपड़ियां विदेशी पर्यटकों से गुलज़ार रहती थीं. लेकिन क्रूज़ कार्डोज़ो का कहना है कि बीते कुछ सालों में ‘घरेलू पर्यटकों’ की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. लेकिन घरेलू पर्यटकों के साथ दिक़्क़त ये है कि कुछ पर्यटक दूसरे राज्य से जीप में गोवा आते हैं. वो होटल बुक नहीं करते हैं और समुद्र तट पर एक दिन बिताने के बाद चले जाते हैं. इसलिए उनसे बहुत ज़्यादा कारोबार नहीं मिलता.
GSOWS अध्यक्ष क्रूज़ कार्डोज़ो ने आगे बताया कि पर्यटकों के दृष्टि से 2021 में गोवा में शानदार मौसम रहा. क्योंकि महामारी संबंधी प्रतिबंध हटने लगे थे. लेकिन बाद के सालों मेें ये संख्या धीरे-धीरे कम होती चली गई. ओजरान बीच गोवा में घूमने वाली प्रमुख जगहों में से एक है. यहां 'लकी झोपड़ी' चलाने वाले श्रीधर ने बताया हालांकि, कुछ-एक झोपड़ियों के मालिकों का कहना है कि ‘कुछ इंफ्लूएंसर्स’ सोशल मीडिया पर गोवा के ख़िलाफ़ अभियान चला रहे हैं. कैंडोलिम में एक ऐसे ही झोपड़ी के मालिक सेबेस्टियन डिसूजा ने बताया.
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