भगवान श्रीकृष्ण को युग पुरुष कहा जाता है क्योंकि द्वापर युग में जन्मे श्रीकृष्ण अपने युग से बहुत आगे की बात करते थे। श्रीकृष्ण ने द्वापर युग में ही कलियुग के बारे में कई भविष्यवाणियां भी की थीं। महाभारत की कथा अनुसार जब कुरुक्षेत्र की रणभूमि पर युद्ध का अंत हो गया, तो श्रीकृष्ण ने पांडवों को बताया था कि कुरुक्षेत्र की रणभूमि पर एक युद्ध का अंत हुआ है लेकिन आगे आने वाले युग यानी कलियुग में मानवजाति को कई युद्धों के लिए तैयार रहना होगा। श्रीकृष्ण ने भविष्यवाणी की थी कि कलियुग में ऐसी विचित्र घटनाएं बढ़ जाएंगी, जिनके परिणाम युद्ध जैसे घातक ही होंगे। कलियुग की भविष्यवाणियों में श्रीकृष्ण ने स्याह होते कलियुग के समाज से जुड़ीं कई भविष्यवाणियां भी की थीं। इनमें श्रीकृष्ण ने बताया था कि कलियुग में विवाह केवल एक दिखावटी कार्यक्रम बनकर रह जाएंगे। आइए, जानते हैं श्रीकृष्ण ने कलियुग की शादियों के बारे में क्या भविष्यवाणी की थी।
कलियुग के विवाह भावनाओं पर नहीं, केवल भव्यता पर आधारित होंगे
भगवान श्रीकृष्ण ने कलियुग की शादियों के बारे में भविष्यवाणी की थी कि कलियुग में होने वाले विवाह सम्बध केवल एक 'विवाह समारोह' बनकर रह जाएंगे। विवाह में प्रेम और सम्मान की भावना की जगह केवल विवाह समारोह की भव्यता पर अधिक ध्यान दिया जाएगा। कलियुग में लोग विवाह से जुड़ीं भावनाओं पर नहीं बल्कि विवाह समारोह की भव्यता पर अधिक ध्यान देंगे। समारोह की चकाचौंध के पीछे कई सच्चाइयों को छुपाया जाएगा।
कलियुग में धनवान अपनी संपत्ति का प्रदर्शन करके गरीबों का उपहास करेंगे
भगवान श्रीकृष्ण ने विवाह के बारे में भविष्यवाणी की थी कि कलियुग में धनवान लोग विवाह में अपनी धन-संपत्ति का प्रदर्शन करेंगे। उनके लिए धन ही सबकुछ होगा। विवाह समारोह में शामिल होने वाले गरीब और साधारण लोग खुद को हीन महसूस करेंगे। साथ ही विवाह समारोह में शामिल लोग केवल धन के आधार पर ही लोगों को तोलेंगे। धनवान लोग अपनी संपत्ति का दिखावा करके दूसरों का उपहास करेंगे।
कलियुग में धनवान लोगों से ही विवाह करना चाहेंगे लोग
श्रीकृष्ण की भविष्यवाणी के अनुसार कलियुग में ज्यादातर लोग धनवान लोगों के साथ ही विवाह करना चाहेंगे। लोग गुणों, सम्मान और प्रेम की भावना से पहले केवल धन ही देखेंगे। जिसके पास जितना ज्यादा धन होगा, उस व्यक्ति से विवाह सम्बध जोड़ने की होड़ मचेगी। समाज में सम्मानीय और गुणवान लोग विवाह योग्य होने पर ही भी केवल धन की कमी के कारण अयोग्य समझे जाएंगे।
कलियुग के विवाह व्यापार और लाभ-हानि तक सीमित हो जाएंगे
श्रीकृष्ण की भविष्यवाणी के अनुसार कलियुग में विवाह केवल एक व्यापार बनकर रह जाएंगे। लोग अपने लाभ के लिए वहीं विवाह करेंगे, जहां उन्हें भविष्य में लाभ होता दिखेगा। लोग विवाह की आड़ में छुपकर मूल्यवान वस्तुओं की मांग करेंगे। वर-वधु धनबल पर ऐसे खरीदे जाएंगे, जैसे कोई व्यक्ति धन देकर किसी वस्तु को खरीदता है। वर्तमान समय में लोग दहेज के लेन-देन को बढ़ावा देकर इस भविष्यवाणी को सच कर रहे हैं।
कलियुग में सम्बधों की गरिमा तोड़कर होगी शादी
द्वापर युग में श्रीकृष्ण ने भविष्यवाणी की थी कि कलियुग में लोग सम्बधों की गरिमा को तोड़कर विवाह करेंगे। विवाह केवल लाभ, लोभ, कामवासना तक सीमित हो जाएंगे। लोग प्रेम, लगाव और सम्मान की भावना को पीछे छोड़कर केवल वासना और आर्कषण के कारण ही विवाह करेंगे और रिश्तों की गरिमा को भी लांघ जाएंगे। लोग अपने खून के रिश्तों में भी शादी करने से परहेज नहीं करेंगे।
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