मदरसा महजुल नवी यह नाम उस मदरसे का है जहां पुलिस ने नकली नोट छापने के कारोबार का राजफाश किया है। साथ ही पुलिस ने नकली नोट, नोट बनाने के उपकरण बरामद कर पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है।
पुलिस की कार्रवाई आरोपियों को जेल भेजने तक सीमित नहीं है बल्कि मदरसे में चल रही गतिविधियों की जड़ें तलाशी जा रही हैं। मदरसा संचालक झाड़ फूंक और हकीम का भी काम मदरसे में करता था। इसके अलावा इस मदरसे में बाहर से महिलाएं भी आती थीं जो अक्सर रात को रुकती थीं। पुलिस ने मदरसा संचालक को लेकर जो खुलासे किए हैं वह काफी चौंकाने वाले हैं।
पुलिस अधीक्षक घनश्याम चौरसिया ने गुरुवार को लक्ष्मनपुर पहुंच कर मदरसे की जांच की। जांच के दौरान कई ऐसे तथ्य सामने आए हैं। पुलिस की ओर से आसपास के लोगों से पूछताछ में पाया गया कि मुबारक अली उर्फ नूरी बाबा की ओर से मदरसे में कई तरह की संदिग्ध गतिविधियां की जा रही थी। खुद हकीम का काम करता था और झाड़ फूंक भी करता था। इस कारण तमाम महिलाएं व लड़कियां मदरसे में आती थी। बताया तो यह भी जाता है कि बाहर से आने वाली लड़कियां व महिलाएं रात में मदरसे में रुका करती थीं। वह सेक्सवर्धक दवाएं भी बेचता था। इतना ही नहीं इस अवैध कारोबार से नूरी बाबा ने अच्छी सम्पत्ति भी बना ली है। उसने कई स्थानों पर जमीन खरीद रखी है।
पुलिस व एसओजी की टीम ने बुधवार को पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर नकली नोट छापने के कारोबार का राजफाश किया था। पकड़े गए आरोपियों में से दो आरोपी मल्हीपुर थाना क्षेत्र के लक्ष्मनपुर में संचालित मदरसा महजुल नवी मदरसा से गिरफ्तार किए गए थे। जिसमें मदरसा संचालक मुबारक अली उर्फ नूरी पुत्र असगर अली भी शामिल था। पुलिस ने मदरसे से नकली नोट, नोट छापने का उपकरण बरामद किया गया था। मुबारक अली उर्फ नूरी लक्ष्मनपुर का रहने वाला और मुख्य अरोपी भी है। जांच के दौरान एसपी के साथ सीओ भिनगा संतोष कुमार, थानाध्यक्ष जय हरी मिश्रा, लेखपाल संजय शुक्ला आदि मौजूद रहे।
मदरसे में आते जाते थे संदिग्ध पुरुष व महिलाएं
लोग बताते हैं कि मदरसा केवल नाम का था। दिन में कुछ देर के लिए बच्चों को पढ़ाया जाता था। इसके बाद संदिग्ध लोग मदरसे में आते जाते थे जिसमें महिलाएं व पुरुष शामिल थे। मदरसे में स्थानीय लोगों को नहीं आते दिया जाता था। कई महिलाएं तो ऐसी हैं तो कई महीने तक मदरसे में रहती थीं। उसकी पत्नी भी मदरसे में रहती है। जिससे पांच बच्चे हैं।
बिना मान्यता चल रहे मदरसे पर क्यों नहीं हुई कार्रवाई
मदरसे में नकली नोट छापने व नोट छापने के उपकरण बरामद होने पर मदरसे की जड़ें तलाशी जा रही हैं। जिसमें कई संदिग्ध गतिविधियों का खुलासा हो रहा है। लोगों की माने तो करीब 10 साल से नूरी बाबा इस मदरसे का संचालन कर रहा था। मदरसे की मान्यता तक नहीं है। अब सवाल यह है कि बीते 10 साल से इस मदरसे का अवैध रूप से संचालन किया जाता है फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।
एसपी घनश्याम चौरसिया ने बताया, मौके पर जाकर मदरसे की जांच की गई। मदरसा संचालक मुख्य आरोपी है। उसने कई स्थानों पर जमीन खरीद रखी है। पूछताछ में पता चला है कि वह हकीम का काम करता था। साथ ही कामोत्तेजक दवाएं बेचता था। महिलाओं व लड़कियों का मदरसे में आना जाना रहता था। मदरसे की मान्यता नहीं है। मामले की बारीकी से छानबीन की जा रही है।
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