हिंदू रीति- रिवाज से प्रभावित विदेशी जोड़े ने लिए सात फेरे..

हिंदू रीति- रिवाज से प्रभावित विदेशी जोड़े ने लिए सात फेरे..

इंदौर: देश के सबसे साफ शहर में बेहद खूबसूरत वाकया हुआ. तीन विदेशी जोड़े हिंदू रीति-रिवाज को अपनाते हुए सात फेरे लेंगे. यह जोड़े अमेरिका, इटली, पेरू से भारत दर्शन करने आए थे. भारत आकर योग और यहां के रीति-रिवाज से इतना प्रभावित हुए कि यहीं की संस्कृति में रम गए. तीनों कपल ने अपनी शादी भारतीय संस्कृति के अनुसार करने का मन बना लिया. बताया जा रहा है कि इंदौर में ऐसा पहली बार होने जा रहा, जहां 3 अलग-अलग देश के कपल एक साथ विवाह करेंगे.

हल्दी-मेहंदी के साथ संगीतमिले हिंदू नाम 

अमेरिका, इटली और पेरू से आए तीनों जोड़ों ने हिंदू संस्कृति से हल्दी और मेहंदी की रस्में निभाईं. ढोल-बाजे, नृत्य और वैदिक मंत्रोच्चार के साथ रस्मों को पूरा किया. सुबह हल्दी और मेहंदी के बाद महिला संगीत हुआ. तीनों जोड़ों ने रविवार शाम को सात फेरे लिए और अपनी जिंदगी की नई शुरुआत की.

नए नाम भी मिले

शादी के बंधन में बंधने से पहले इन्होंने अपने नामों में भी बदलाव किए हैं. इनके नाम- डारियो से विष्णु आनंद संग मार्टिना से मां मंगलानंद, इअन से आचार्य रामदास आनंद संग गेब्रियला से मां समानंद और मॉरजिओ से प्रकाशानंद संग नेल्मास से मां नित्यानंद बनी हैं. इन कपल ने शादी के कार्ड भी छपवाए हैं.

योग संस्थान से शुरुआत

इंदौर के परमानंद इंस्टीट्यूट ऑफ योगा साइंस एंड रिसर्च इंडिया के डॉ. ओमानंद ने बताया कि ये तीनों कपल योग प्रशिक्षण लेने आए थे. यहां की संस्कृति से प्रभावित हो बैठे. हमने बताया कि भारतीय शादी पवित्र होती है. हमारे यहां शादियां विदेशों के मुकाबले कम टूटती हैं. यही इन्होंने हिंदू नामों को भी अपनाया, भारतीय परंपरा, सनातन धर्म, पूजा-पाठ, त्योहार, वैदिक पद्धति, विवाह पद्धति को भी समझा. इन तीनों की एक दूसरे से मुलाकात होती है. एक दूसरे को ठीक से जानने क बाद तीनों कपल शादी करने का निर्णय लेते हैं. इनके इस निर्णय में इनके परिवार वालों की भी अनुमति है. तीनों कपल शादी के बाद 3 जनवरी को इटली लौट जाएंगे.

हिंदू शादी में पवित्रता  

मां मंगलानंद बनी मार्टिना ने बताया कि भारतीय संस्कृति से प्रभावित होकर ही हमने इस परंपरा को अपनाया है. भारत की खुशबू ही हमें यहां लाई और यहां की रस्मों से जोड़ रही है. मां नित्यानंद बनी नेल्मास ने बताया कि भारतीय संस्कृति से शादी करने के लिए उत्सुकता तो थी ही, साथ ही इसकी पवित्रता भी समझ आ रही है. ये दो लोगों और परिवार को आत्मा से जोड़ती है.






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