इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सांसद जियाउर्रहमान बर्क की FIR रद्द करने की अर्जी खारिज की

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सांसद जियाउर्रहमान बर्क की FIR रद्द करने की अर्जी खारिज की

संभल: समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क को इलाहाबाद हाई कोर्ट से बड़ा झटका मिला है। कोर्ट ने संभल से सांसद बर्क की FIR रद्द करने की अर्जी को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि FIR को रद्द नहीं किया जाएगा और पुलिस की जांच जारी रहेगी। हालांकि, हाई कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि फिलहाल बर्क की गिरफ्तारी नहीं की जाएगी, लेकिन उन्हें पुलिस की जांच में सहयोग करना होगा। बता दें कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने सांसद जियाउर रहमान बर्क के खिलाफ दीपा सराय इलाके में उनके आवास पर बिजली चोरी के आरोप में मामला दर्ज किया था।

सांसद के पिता पर भी दर्ज हुआ था केस

पुलिस ने बताया था कि सांसद के पिता ममलूकुर रहमान बर्क पर भी बिजली विभाग द्वारा घर के निरीक्षण के दौरान सरकारी अधिकारियों को धमकाने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है। सांसद के खिलाफ बिजली अधिनियम, 2003 की धारा 135 (बिजली की चोरी या बिजली का अनधिकृत उपयोग) के तहत केस दर्ज किया गया था। ममलूकुर रहमान बर्क पर आरोप था कि उन्होंने अभद्र भाषा का प्रयोग किया, सरकारी काम में बाधा डाली और कहा कि सरकार बदल जाएगी और हम तुम्हें बर्बाद कर देंगे। FIR के मुताबिक, ममलूकुर रहमान बर्क ने अपशब्दों का प्रयोग किया, और इसका वीडियो बिजली विभाग ने बनाया है।

घर के बाहर सीढ़ियों पर चला था बुलडोजर

बता दें कि जियाउर्रहमान बर्क के दीपा सराय मोहल्ला स्थित आवास के बाहर बनी सीढ़ियों को भी बुलडोजर से गिरा दिया गया था। संभल में कई दिनों तक शहर के अलग-अलग इलाकों में नालों से अतिक्रमण हटाने का अभियान चला है। इसी कड़ी में भारी पुलिस बल की मदद से सांसद के आवास की सीढ़ियां गिरा दी गई थीं। एक अधिकारी ने बताया कि बिजली विभाग ने सांसद बर्क पर बिजली चोरी के आरोप में 1.91 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया और बिजली चोरी के आरोप में उनके आवास की बिजली सप्लाई भी काट दी गई। वहीं, बर्क ने इन सभी आरोपों को झूठा बताते हुए कोर्ट का रुख किया था।






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