भारत में किसान अब पारंपरिक फसलों को छोड़कर अधिक मुनाफा देने वाली फसलों की ओर रुख कर रहे हैं. राजनांदगांव जिले के कोलियापुरी के एक किसान गिरीश देवांगन ने भी इसी दिशा में कदम बढ़ाते हुए फूल की खेती शुरू की है. उन्होंने महज एक एकड़ की जमीन में जरबेरा फूल की खेती शुरू की है. इससे उन्हें सलाना 20 से 25 लाख रुपये तक का मुनाफा हो रहा है. हालांकि उनकी इस खेती में उद्यानिकी विभाग का भी सहयोग रहा. दरअसल, उन्हें उद्यानिकी विभाग से पॉलीहाउस के निर्माण में सहयोग मिला.
विभिन्न किस्म की लगाए गए जरबेरा फूल
राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ विकासखंड के ग्राम कोलियापुरी के किशन गिरीश देवांगन ने अपने एक एकड़ पॉलीहाउस में विभिन्न किस्म की जरबेरा फूल लगाए गए हैं. इसमें लाल, गुलाबी, नारंगी, पीला, सफेद रंग की जरबेरा फूल अपने आप में खास है. इसे देखने अन्य किसान भी यहां पहुंचते हैं. जरबेरा की यह विदेशी किस्म है.
30 से 32 हजार लगाए गए जरबेरा फूल
पॉलीहाउस के केयरटेकर जितेंद्र कुमार निषाद ने बताया कि यह पाली हाउस किसान गिरीश देवांगन का है. एक एकड़ के इस पॉलीहाउस में लगभग 30 से 32 हजार जरबेरा फूल लगाए गए हैं. इस पर ऑर्गेनिक और कीटनाशक दवाइयां का छिड़काव किया जाता है, ताकि इसे कीटों के प्रकोप से इसे बचाया जा सकें.
25 लाख तक हो रहा मुनाफा
समय-समय पर इसमें खाद का छिड़काव भी किया जाता है. इसकी खेती 12 महीने की जाती है और यह 5 से 6 साल तक यह फूल खिलता है. पॉलीहाउस में लगाने से कई फायदे होते हैं, जिससे बाहरी धूप, कीटनाशक या मौसम की मार से इसे बचाया जा सकता है. जरबेरा की अच्छी खासी डिमांड है. लगभग सीजन के समय में 5 से लेकर 20 रुपये तक इसकी बिक्री होती है.
किसान गिरीश देवांगन जरबेरा फूल की खेती से सालाना 20 से 25 लाख रुपये तक का मुनाफा कमा रहे हैं. यह फूल लगभग 6 सालों के लिए होती है.
Comments