कंबल ओढ़ाकर फोड़े का ईलाज बता रहे, तथाकथित धर्मनिरपेक्ष दल राजनीति का दूषित खेल खेल रहे। भारतीय जनमानस राजनीति की इस नई दशा को खुद नई दिशा देने में समर्थ हों रहा ,अपनी अस्मिता पर उठे हर सवाल का, खुद जवाब दे रहा ,संभल की घटनाओं से जो सम्हल नही पाए, उन राजनितिक दलों के लिए संभल उनकी कब्रगाह ना बन जाए,आधुनिक संचार के इस युग में झूठ पर पर्दा डालना मुश्किल है ,उदंडता कोई किसी को सिखाए अन्तोगत्वा सिखाने वालों को ही उसका परिणाम भोगना पड़ता है,पत्थर मारने की,सुरक्षाबलों पर हमले का पुरुस्कार दिया अकललेस ने पांच लाख ,कारसेवकों पर चलाई गई गोलियों से भी ज्यादा भयंकर इसका परिणाम होगा। निष्पक्षता की कसौटी पर ,सत्य की रक्षा के लिए कितने समर्पित है नेता, समय इसकी हमेशा समीक्षा करेगा,पौराणिक ऐतिहासिक महत्त्व है संभल का, कण - कण में मिल रहे प्रमाण उसके देव तीर्थ होने का ,एकतरफा प्रेम में कुतर्को की बौछार है कल तक जिसे मस्जिद बताते नही थक रहे थे ,थाना बनते ही उसे ही ASI संरक्षित ईमारत बता रहे, जब मस्जिद ASI संरक्षित ईमारत है ,तों फिर उसपे 1991 का वर्शिप एक्ट लागू ही नही होता , कुतर्को की हद है तुष्टीकरण के लिए हद सारी पार है,सिर्फ कथन है ,जिसमें तथ्य और सत्य दोनों गायब है, नंगी आँखों से जो सच दिख रहा ,उसे झुठलाना सभ्यता की नग्नता है, असभ्यता है। सदियों से होते आ रहे आत्याचारो को कोई कब तक सहन करे,जो अपने सिजरे अरबों, तुर्कों बाबरों को बताते है उनकी मानसिकता आक्रांता वाली रहेगी ,वों उन अपराधों को मानेगे नही, पर माटीपुत्र इस माटी के जिन्होंने अपनी पूजा पद्धति बदल ली ,क्या उन्हें इसका एहसास नही , जिस दिन फव्वरा शिवलिंग साबित हों जाए ,मस्जिदों में मंदिरों के प्रमाण मिल जाए, न्यायलय से फैसले आ जाए, तों फिर जवाब क्या देंगे ? भाईचारा, गंगा जमुनी, तहजीब का क्या होगा ? समय की अंगड़ाई क्या लड़ाई खत्म कर देगी ,हक़ छिनकर कैसे आप इज्जत के हक़दार रहेंगे ,चारा समझ,भाई का अधिकार खाकर कैसे आप भाई चारे की दुहाई देंगे? महाकुंभ पर हिंदुओ के सनातनी महायोजन पर भी टेढ़ी नाक वाले की आँख टेढ़ी है, जुबान टेढ़ी ना हों जाए, ऐसा कर्म ना करिए,राजनितिक दुश्मनी में लिए धर्म का आड़ ना लीजिए।
छद्म भेष उतरता है ,नाकाब देर से ही सही असलियत जरुर खोलता है । वैकल्पिक राजनीति का छद्म आवरण ओढ़ अन्ना आंदोलन की कोख से जन्मी आम आदमी पार्टी और उसके संयोजक ने राजनीति के हर दांव पेच सिख लिए ,सत्ता के खातिर समझौतों पर समझौते कर लिए, जेल बेल सब हों गया, बस ईमानदार नही हों सके,ताहिर हुसैन, अमानत उल्ला खान जैसों के कर्मो की वकालत कर कर बांग्लादेशियों, रोहिंग्याओं को दिल्ली में वोटर बना सत्ता का जुगाड़ बिठा रहे थे ,समय चक्र घुमा लोगों को आप में आपदा दिख रहा ,स्वीकार्यता इस आपदा की कितनी हुई, ये तों चुनाव परिणाम बताएगा। झल्लाहट,झुँझलाहट,कसमसाहट सब दिख रहा ,मुश्किल इस बार आप का रस्ता दिख रहा । दिल्ली सत्ता के लिए बमेल जोड़ी टूट गई, आप और कांग्रेस एक दुसरे के जानी दुश्मन हों गए ,सत्ता के लिए कितने घृणित समझौते किए जाते है इसका प्रमाण ये खुद दे रहे ।
भर्ष्टाचारी,देशद्रोही ,धोखेबाज जैसे उपमाओं से अलंकृत कर रहे 6 महीने पहले ये एक ही थे,राजनीतिक एकीकरण का शायद यही सिद्धांत विहीन शर्त होती है,सत्ता सर्वोत्तम, सिद्धांत निम्नतम ,ममता बंगलादेशी घुसपैठियों के खिलाफ बोल रही, दशकों पुरानी अपनी लाईन पे लौट रही,घुसपैठियों को सारा ममत्व लुटा बंगालियों से ममता दिखा रही,बंगाल बदल रहा ,बदला बंगाल ममता से जय श्री राम भी बुलवायेगा ,और सत्ता की लोलुपता जय श्री राम बोलने की लालसा ममता के अन्दर जगाएगी,दक्षिण में अन्ना मलाई,और पवन कल्याण बन रहे सनातन गौरव है ,धीरे -धीरे ही सही सनातन का अलख जग रहा, दक्षिण भी हिंदुत्व के रंग में रंग रहा,अलख हिंदुत्व का अखिल भारतीय हों रहा, छत्तीसगढ़ में मौकापरस्ती की बहार है ,जों विधानसभा में पत्रकार कों धमकाए ,पत्रकारों को प्रताड़ित करे ,उन कांग्रेसी नेताओं के मुख में पत्रकार सुरक्षा का बयान है ,भर्ष्टाचार की भेट कब कौन नेता चढ़ा है, एक दुसरे की पीठ खुजाने की पुरानी आप लोगों की अदा है ,सालों से एक दुसरे पर आरोप लगा रहे, साबित कुछ नही कर पा रहे, साबुत फिर एक पत्रकार ना बचा ,अब फिर आप सबूतों में उलझाएंगे ,परिवार उसका सिसकते रहेगा दुखों से उलझते रहेगा । ना सुख ,ना दुःख से आपका सरोकार है,सरकार की सारी सरोकारी सत्ता से है ईलाज का ढोंग है ,क्योकि आप लोगों की फितरत ही है --------------------------------कंबल ओढ़ा के फोड़े के ईलाज की
चोखेलाल
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मुखिया के मुखारी में व्यवस्था पर चोट करती चोखेलाल
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