नई दिल्ली : 16 महीने के इंतजार के बाद शुक्रवार को फाइनली केंद्र सरकार की तरफ से डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण नियमों का मसौदा जारी कर दिया गया. इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मंत्रालय से मंजूरी के बाद अब इस मसौदे पर सरकार ने जनता से राय मांगी है. राय देने के लिए 18 फरवरी 2025 तक का समय दिया गया है. जनता की राय आने के बाद सरकार इस पर चर्चा करेगी. अगर आप इस पर अपना फीडबैक देना चाहते हैं तो MyGov.in पर जाकर दे सकते हैं.
इस मसौदे में एक नियम बच्चों की सोशल मीडिया पर मौजूदगी को लेकर भी है. इसके अनुसार 18 साल से कम उम्र के बच्चों को अब सोशल मीडिया अकाउंट खोलने के लिए माता-पिता की सहमति की आवश्यकता होगी. मसौदा नियम के तहत बच्चों और विकलांग व्यक्तियों के व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा के लिए सख्त उपायों पर जोर दिया गया है.
नियम तोड़ने पर पेनाल्टी
प्राइवेसी नियमों का उल्लंघन करने वाली संस्था पर 250 करोड़ का जुर्माना लगाया जा सकता है. अगर किसी संस्था ने दो बार नियमों को तोड़ा है तो उसे 500 करोड़ की पेनाल्टी भरनी होगी. उपभोक्ताओं पर डेटा कलेक्शन प्रैक्टिस या डिमांड को मना करने या उसे चुनौती देने का अधिकार भी होगा. उपभोक्ता ये तय कर सकते हैं कि उनका डेटा कितना इस्तेमाल किया जाए और उसके लिए वो एक समय सीमा भी तय कर सकते हैं. उपभोक्ता, किसी कंपनी या संस्था को अपना डेटा हटाने के लिए भी कह सकते हैं.
नहीं होगा खुलासा
सरकार ने अपनी ओर से डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण नियमों को मंजूरी देकर, इस मसौदे को एक कदम और आगे बढा दिया है. अब इस मसौदे पर आम लोगों से राय मांगी गई है. जो भी इस मसौदे पर अपनी राय रखेंगे, उनके नाम का खुलासा नहीं किया जाएगा. यानी इस प्रक्रिया में गोपनीयता का पूरा ध्यान रखा जाएगा.
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