क्या है, पौष प्रदोष व्रत जाने सही पूजन विधि और समय..

क्या है, पौष प्रदोष व्रत जाने सही पूजन विधि और समय..

नई दिल्ली: पौष हिंदू कैलेंडर का दसवां महीना है, जिसका अत्यधिक धार्मिक महत्व है। इस दौरान पड़ने वाले सभी तीज-त्योहार बेहद विशेष माने जाते हैं। ऐसे में प्रदोष व्रत आने वाला है, जिसका इंतजार शिव भक्तों को बेसब्री से है। मान्यता है कि इस व्रत को भक्ति और विधिपूर्वक करने से भगवान शंकर का आशीर्वाद प्राप्त होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, दिन शनिवार 11 जनवरी को शनि प्रदोष व्रत रखा जाएगा। इस दिन कई शुभ योग का निर्माण भी हो रहा है, जिस वजह से यह तिथि और भी फलदायी मानी जा रही है, तो आइए यहां जानते हैं कि इस दिन (Pradosh Vrat 2025) किन शुभ योग का निर्माण हो रहा है?

पौष प्रदोष व्रत कब है? (Pradosh Vrat 2025 Date And Time)

वैदिक पंचांग के अनुसार, पौष मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 11 जनवरी को सुबह 08 बजकर 21 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, 12 जनवरी को सुबह 06 बजकर 33 मिनट पर इसका समापन होगा। इस दिन प्रदोष काल के दौरान पूजा की जाती है। ऐसे में 11 जनवरी को प्रदोष व्रत रखा जाएगा।

इसके साथ ही इस दिन गोधूलि बेला शाम 05 बजकर 43 मिनट से लेकर रात 08 बजकर 26 मिनट तक रहेगी, जो शिव पूजन के लिए बहुत खास है।

शनि प्रदोष व्रत शुभ योग (Pradosh Vrat 2025 Shubh Yog)

इस बार शनि प्रदोष व्रत पर सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 7 बजकर 15 मिनट से दोपहर 12 बजकर 29 मिनट तक रहेगा। इस समय में अमृत सिद्धि योग सुबह 07 बजकर 15 मिनट से दोपहर 12 बजकर 29 मिनट तक रहेगा। इसके साथ ही विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 14 मिनट से दोपहर 02 बजकर 56 मिनट तक रहेगा।

इसके अलावा अमृत काल सुबह 09 बजकर 27 मिनट से 10 बजकर 58 मिनट तक रहेगा। इस समय में किसी भी प्रकार का शुभ कार्य किया जा सकता है।

शनि प्रदोष पूजन मंत्र (Pradosh Vrat 2025 Pujan Mantra)

ॐ नमः शिवाय।

ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥

ऊँ हौं जूं स: ऊँ भुर्भव: स्व: ऊँ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।

ऊर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ऊँ भुव: भू: स्व: ऊँ स: जूं हौं ऊँ।।






You can share this post!


Click the button below to join us / हमसे जुड़ने के लिए नीचें दिए लिंक को क्लीक करे


Related News



Comments

  • No Comments...

Leave Comments