विधायक पर आरोप है कि ‘ईसा मसीह (Jesus Christ) पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि अगर ईसा मसीह मरने के बाद जीवित हो सकते हैँ तो मतांतरितो को कब्रिस्तान की जरूरत क्यों पड़ती है?’ पूरा मामला बीते साल 1 सितंबर को आस्ता थाना क्षेत्र के ढेगनी गांव का है. यहां भुईहर समाज के सामाजिक भवन के लोकार्पण के दौरान ये विवादित टिप्पणी विधायक रायमुनि ने कथित रूप से दिया था।
पुलिस की कार्रवाई और परिवाद
पुलिस ने मामले की जांच के बाद विधायक के बयान को गैर-विवादित मानते हुए एफआईआर दर्ज नहीं की और परिवादियों को न्यायालय में जाने की सलाह दी। इसके बाद 10 दिसंबर 2024 को हेरमोन कुजूर ने जिला न्यायालय में परिवाद दायर किया।
न्यायालय की कार्रवाई
परिवादी के अधिवक्ता विष्णु कुलदीप ने न्यायालय में छह प्रत्यक्षदर्शियों के बयान दर्ज कराए और घटना का वीडियो प्रमाण के रूप में प्रस्तुत किया। सुनवाई के बाद विद्वान न्यायिक मजिस्ट्रेट अनिल चौहान ने मामले को सुनवाई योग्य मानते हुए विधायक रायमुनी भगत के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 196, 299 और 302 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया।
अगली सुनवाई और नोटिस जारी
न्यायालय ने विधायक रायमुनि भगत को 10 जनवरी 2025 को अदालत में पेश होने के लिए नोटिस जारी किया है। इस मामले ने प्रदेश में राजनीतिक और सामाजिक हलकों में हलचल मचा दी है। न्यायालय में अगली सुनवाई पर यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इस मामले में आगे क्या कदम उठाए जाते हैं।
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