बिलासपुर: न केवल छत्तीसगढ़ का पर्यटन केंद्र है, बल्कि एक ऐसी जगह है जहां इतिहास, संस्कृति और प्रकृति का अनूठा संगम देखने को मिलता है. यहां के पर्यटन स्थलों को संवारने के लिए सरकार की ओर से कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं. यदि आप अद्भुत स्थलों की तलाश में हैं, तो बिलासपुर आपकी सूची में शीर्ष स्थान पर होना चाहिए।
छत्तीसगढ़ का बिलासपुर जिला अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, ऐतिहासिक धरोहर और अद्भुत प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है. यह शहर न केवल अपनी ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है बल्कि पर्यटकों के लिए एक अद्वितीय अनुभव का वादा भी करता है. चाहे घने जंगल हों, प्राचीन मंदिर हों, नदियां हों या फिर आधुनिक मनोरंजन स्थल, बिलासपुर हर प्रकार के पर्यटक को आकर्षित करता है।
तालागांव, शिवनाथ और मनियारी नदी के संगम पर स्थित, अपने अद्वितीय देवरानी-जेठानी मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है. 7वीं-8वीं शताब्दी के इस ऐतिहासिक स्थल की खोज 1873-74 में हुई. यहां के मंदिरों की मूर्तियां और नक्काशी प्राचीन भारतीय कला और संस्कृति का उत्कृष्ट उदाहरण हैं. देवरानी मंदिर में खुदाई के दौरान मिली दुर्लभ 'रुद्रशिव' प्रतिमा पर्यटकों और पुरातत्त्वविदों के लिए आकर्षण का केंद्र है। बाबा सैय्यद इंसान अली शाह की दरगाह, लुतरा शरीफ, बिलासपुर का एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है. यह दरगाह अपनी चमत्कारिक शक्तियों और धार्मिक सौहार्द्र के लिए पूरे छत्तीसगढ़ में प्रसिद्ध है. यहां हर धर्म के लोग अपनी मनोकामनाएं पूरी करने आते हैं।
मल्हार नगर, बिलासपुर से दक्षिण-पश्चिम में स्थित है. यहां ताम्र पाषाण युग से लेकर मध्यकाल तक की ऐतिहासिक धरोहरें विद्यमान हैं. मल्हार में भीम किचक मंदिर, माता दाई डिडिनेश्वरी मंदिर और भगवान बुद्ध की मूर्तियां इसकी सांस्कृतिक समृद्धि को दर्शाती हैं. यहां की खुदाई में ताम्र पत्र, शिलालेख और कई प्राचीन मूर्तियां मिली है
बिलासपुर-कोरबा मार्ग पर स्थित रतनपुर अपने प्राचीन और दिव्य महामाया देवी मंदिर के लिए प्रसिद्ध है. यह मंदिर 11वीं शताब्दी में राजा रत्नदेव प्रथम द्वारा बनवाया गया था. यह मंदिर देश भर में फैले 52 शक्तिपीठों में से एक है. यहां नवरात्रि के दौरान यहां हजारों श्रद्धालु मनोकामना ज्योति कलश प्रज्ज्वलित करते हैं.
बिलासपुर जिले के मुंगेली रोड पर पेंडारी गांव में स्थित कानन पेंडारी चिड़ियाघर वन्यजीवन प्रेमियों के लिए एक आदर्श स्थान है. यह छोटा चिड़ियाघर शहर से केवल 10 किलोमीटर की दूरी पर है और परिवारों के लिए घूमने की एक बढ़िया जगह है. जहां जाकर आप जंगल और जंगली जानवरों को देखने का लुफ्त उठा सकते है।
बिलासपुर न केवल छत्तीसगढ़ का पर्यटन केंद्र है, बल्कि एक ऐसी जगह है जहां इतिहास, संस्कृति और प्रकृति का अनूठा संगम देखने को मिलता है. यहां के पर्यटन स्थलों को संवारने के लिए सरकार की ओर से कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं. यदि आप अद्भुत स्थलों की तलाश में हैं, तो बिलासपुर आपकी सूची में शीर्ष स्थान पर होना चाहिए।
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