जब तक बैठने को ना कहा जाए शराफत से खड़े रहो...ये पुलिस स्टेशन है...तुम्हारे बाप का घर नहीं! जंजीर के इस डायलॉग ने अमिताभ बच्चन की तकदीर बदल दी।
बॉलीवुड सुपरस्टार अमिताभ बच्चन को भले ही आज सदी का महानायक कहा जाता हो लेकिन एक ऐसा समय भी था जब एक्टर ने बॉलीवुड में सबसे बुरा दौर देखा। अमिताभ बच्चन की एक पर एक फिल्में फ्लॉप हो रही थीं और एक्टर ने इंडस्ट्री छोड़ने का मन बना लिया था।
सलीम खान ने बताया जंजीर का सच
आखिरकार अन्य एक्टर्स के ठुकराने के बाद अमिताभ बच्चन की झोली में एक ऐसी फिल्म आकर गिरी जिसने ना सिर्फ उनके डूबते करियर को संवारा बल्कि सुपरस्टार के तौर पर पहचान भी दिलाई। सलीम खान ने अरबाज खान को दिए इंटरव्यू में फिल्म से जुड़े कई अन्य किस्से भी शेयर किए थे।
कई एक्टर्स ने फिल्म को करने से किया मना
सलीम खान ने बताया कि जंजीर में वो पहले धर्मेंद्र को कास्ट करना चाहते थे लेकिन अपनी पर्सनल वजहों के चलते एक्टर ने इस फिल्म को करने से मना कर दिया जिसकी वजह से वो थोड़ा उदास भी हुए। इसके बाद देवा आनंद से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इसमें कोई गाना नहीं है इसलिए उन्होंने फिल्म करने से इनकार कर दिया। वहीं दिलीप कुमार का कहना था कि फिल्म में परफॉर्म करने का कोई स्कोप ही नहीं है, तो उन्होंने भी इसके लिए मना कर दिया।
अमिताभ बच्चन के डूबते करियर को दिया सहारा
आखिरकार ये रोल जाकर अमिताभ बच्चन की झोली में गिरा जो इससे पहले लगभग 11 फ्लॉप फिल्में दे चुके थे। जंजीर सलीम खान और जावेद अख्तर की स्क्रिप्ट राइटिंग की पहली फिल्म थी,जिसने भारतीय सिनेमा का दायरा ही बदलकर रख दिया। इस फिल्म के साथ एक और हैरानी की बात ये थी कि कोई भी हीरोइन 'जंजीर' में काम नहीं करना चाहती थी।
इसके लिए जया बच्चन से बात की गई कि उन्हें इस फिल्म के जरिए अमिताभ बच्चन का करियर पटरी पर आ जाएगा। लेकिन फिल्म में उनका स्क्रीन टाइम काफी कम है। जया इसके लिए राजी हो गईं। इसी के साथ हमें अमिताभ बच्चन की आईकॉनिक फिल्म देखने का मौका मिला।
प्रकाश मेहरा द्वारा निर्देशित फिल्म जंजीर में प्राण, अजीत खान और बिंदू ने भी काम किया था। साल 1973 में आई इस फिल्म की कहानी सलीम खान ने लिखी थी।
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