नगरीय निकाय चुनाव को लेकर साय सरकार एक और बड़ा बदलाव

नगरीय निकाय चुनाव को लेकर साय सरकार एक और बड़ा बदलाव

रायपुर :  नगरीय निकाय चुनाव को लेकर विष्‍णुदेव साय सरकार एक और बड़ा बदलाव करने जा रही है। प्रदेश में सभी शहरी निकायों के चुनावों में मतदान ईवीएम के जरिये कराया जाएगा। सरकार ने इसके लिए मन बना लिया है। इसके साथ ही इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है। ईवीएम से चुनाव कराने के लिए राज्‍य सरकार को नियमों में बदलाव करना होगा। इसमें थोड़ा वक्‍त लग सकता है क्‍योंकि इसकी प्रक्रिया थोड़ी लंबी है।

अफसरों के अनुसार 2019 में तत्‍कालीन कांग्रेस सरकार ने नियमों में संशोधन करके निकाय चुनाव बैलेट पेपर से कराया था। वही‍ नियम अभी भी लागू है, लेकिन अब विष्‍णुदेव साय सरकार ने निकाय चुनाव ईवीएम से कराने का मन बना लिया है। इसके लिए नगरीय प्रशासन विभाग की तरफ से प्रस्‍ताव बनाकर राज्‍य निर्वाचन आयोग को भेजा जाएगा। इसके आधार पर आयोग तैयारी शुरू करने के साथ ही वह प्रस्‍ताव विधि विभाग को परीक्षण के लिए भेजेगा। विधि विभाग की अनुमति मिलने नियमों में बदलाव कर दिया जाएगा।

अचानक बदला जा रहा है फैसला

बता दें कि हाल ही में डिप्‍टी सीएम अरुण साव ने मीडिया से चर्चा के दौरान निकाय चुनाव बैलेट पेपर से ही कराए जाने की बता कही थी। साव ने कहा था कि ईवीएम की व्‍यवस्‍था करने में वक्‍त लग सकता है, इसलिए इस बार भी निकाय चुनाव बैलेट पेपर से ही कराया जाएगा। इसी हिसाब से तैयारी भी चल रही थी, लेकिन अब अचानक ईवीएम से चुनाव कराने का निर्णय ले लिया गया है। सूत्रों के अनुसार गुरुवार को हुई बीजेपी की कोर ग्रुप की बैठक में भी इस पर विचार विशर्म किया गया। बताया जा रहा है कि पार्टी स्‍तर पर ही यह फैसला हुआ है कि निकाय चुनाव ईवीएम से कराया जाएगा।

20 हजार से ज्‍यादा ईवीएम की जरुरत

अफसरों के अनुसार नगरीय निकाय का चुनाव ईवीएम से कराने के लिए 20 हजार से ज्‍यादा ईवीएम की जरुरत पड़ेगी। इतना ईवीएम राज्‍य में उपलब्‍ध है, लेकिन लंबे समय से उपयोग नहीं होने के कारण उनकी जांच करानी पड़ेगी। हालांकि इसमें ज्‍यादा वक्‍त नहीं लेगा। नगरीय प्रशासन विभाग से प्रस्‍ताव जारी होने के साथ ही ईवीएम के जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।

इस वजह से ईवीएम का उपयोग

बता दें कि प्रदेश में 2015 के पहले बैलेट पेपर के माध्‍यम से ही निकाय चुनाव होता था। बैलेट पेपर से मतगणना में काफी वक्‍त लग जाता था। 2010 में रायपुर में महापौर पद के लिए कांग्रेस की किरणमयी नायक और बीजेपी की प्रभा दुबे के बीच मुकाबला हुआ था। मत पत्रों की गिनती देर रात तक चली थी और चुनाव परिणाम आधी रात को घोषित किया गया था। इसके बाद तत्‍कालीन डॉ. रमन सिंह की सरकार ने 2015 में ईवीएम से निकाय चुनाव कराने का फैसला किया। इस बार भी महापौर का चुनाव प्रत्‍यक्षण प्रणाली से होगा, ऐसे में महापौर के पद के लिए वोट काफी संख्‍या में पड़ेंगे, इनकी गिनती में ज्‍यादा वक्‍त लग सकता है, इसे देखते हुए अब ईवीएम से चुनाव कराने की तैयारी चल रही है।






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