उत्तर प्रदेश : उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आज,13 फरवरी को दिव्य, भव्य और अलौकिक महाकुंभ का शुभारंभ हो गया है। संगम की तट पर कड़ाके की ठंड के बीच आस्था की डूबकी लगाने के लिए देश-विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु प्रयागराज पहुंचे हैं। इस बार के महाकुंभ में करीब 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के शामिल होने का अनुमान है। महाकुंभ में पहला शाही स्नान यानि अमृत स्नान आज होगा। तो आइए जानते हैं पंचाग के अनुसार महाकुंभ में कब-कब है शाही स्नान की तारीख और क्या है इसका महत्व।
हिंदू धर्म के सबसे बड़े धर्म उत्सव और देश, दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक और आध्यात्मिक मेला महाकुंभ 2025 का भव्य आगाज 13 फरवरी को प्रयागराज में हो गया है। यह महाकुंभ 45 दिनों से तक चलेगा इसका समापन 26 फरवरी को महाशिवरात्रि पर होगा। इस दौरान बड़ी संख्या में साधु-संत के साथ-साथ आम लोग भी त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाएंगे। महाकुंभ में शाही स्नान, जिसका नाम अब बदलकर अमृत स्नान कर दिया आएगा का विशेष महत्व होता है। ऐसे में अगर आप भी महाकुंभ में जाने की तैयारी कर रह हैं तो सभी शाही स्नान की तिथियां और स्नान का समय जान लें।
महाकुंभ का पहला स्नान आज
महाकुंभ का पहला स्नान पौष पूर्णिमा पर आज,13 फरवरी को होगा। इस दिन स्नान का ब्रह्म मुहूर्त सुबह 5 बजकर 27 मिनट पर शुरू हुआ जो सुबह 6 बजकर 21 मिनट तक का था। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं संगम में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। देश ही नहीं विदेश से भी आए श्रद्धालुओं ने अहले सुबह महाकुंभ में पहला शाही स्नान में हिस्सा लिया। बता दें कि इस बार के महाकुंभ में 6 शाही यानि अमृत स्नान होंगे।
पहले स्नान पर संगम तट पर उमड़े श्रद्धालु
महाकुंभ 2025 में शामिल होने रूस से आई एक श्रद्धालु ने कहा, मेरा भारत महान' भारत एक महान देश है। हम पहली बार कुंभ मेले में आए हैं। यहां हम असली भारत को देख सकते हैं - असली शक्ति भारत के लोगों में निहित है। मुझे भारत से प्यार है। ब्राजील के एक श्रद्धालु फ्रांसिस्को ने बताया, मैं योग का अभ्यास करता हूं और मोक्ष की खोज कर रहा हूं।भारत दुनिया का आध्यात्मिक हृदय है... पानी ठंडा है लेकिन हृदय गर्मजोशी से भरा है।"
महाकुंभ 2025 में शाही स्नान की तिथियां और शुभ मुहूर्त
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