नए नियम से इस बार पिछड़ा वर्ग को मिलेगा मौका
राजनांदगांव : छत्तीसगढ़ में पिछले नगर निगम चुनाव की तुलना में इस बार के नगर निगम चुनाव में राजनीतिक परिस्थितियों बदल चुकी है। उस समय प्रदेश में कांग्रेस की सत्ता थी और अभी भाजपा की सत्ता है। लेकिन प्रदेश भाजपा में अभी हाल ही में नए नियम लागू किए गए हैं। जिसमें जहां भी अनारक्षित सीट है वहां पर पिछड़ा वर्ग को विशेष तौर पर मौका दिया जा रहा है। इसी तरह राजनांदगांव नगर निगम में महापौर सीट अनारक्षित घोषित हैं। तो यह कयाश लग रहे हैं कि इस बार महापौर सीट ओबीसी वर्ग से होंगे। जिसमें पूर्व महापौर व पूर्व सांसद मधुसूदन यादव का नाम सबसे ऊपर है। वही दूसरे नंबर पर कमल सोनी की प्रबल संभावना है। किसी कारणवश अगर मधुसूदन यादव पर विचार नहीं होता है तो पार्टी उन्हें लाल बत्ती का दायित्व दे सकती है। क्योंकि राजनांदगांव शहर की जनता के बीच मधुसूदन यादव और कमल सोनी की चर्चा जोरों पर है। तो इससे भाजपा आला कमान कमल सोनी पर मोहर लगा सकती है। क्योंकि कमल सोनी पूरे उत्साह के साथ पूरी तरह तैयार है।
मधुसूदन यादव -
बात करें मधुसूदन यादव का नाम राजनांदगांव की कद्दावर नेता में गिनती आती है। वह विभिन्न पदों का निर्वहन कर चुके हैं। उनके व्यवहार से सब लोग परिचित हैं। मिलनसार हंसमुख व्यक्तित्व के धनी हैं। पूर्व सांसद और वर्तमान में भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष सहित विभिन्न पदों पर रह चुके हैं। भाजपा की राजनीति में एक लंबा अनुभव है। क्योंकि वह अपना राजनीतिक जीवन की शुरुआत एक पार्षद के रूप किये है। जिसके कारण उनकी दावेदारी मजबूत मानी जा रही है।
कमल सोनी -
बात करें कमल सोनी की पूर्व महापौर स्वर्गीय शोभा सोनी के छोटे भाई है। शोभा सोनी का नाम दिग्गज भाजपा नेत्री में आता था। 2005 के प्रत्यक्ष महापौर चुनाव में कांग्रेस की हेमादेशमुख को 20,000 वोट के लंबे अंतराल से हराकर जीत दर्ज की उनके निधन के बाद भी आम जनता उनके काम और व्यवहार को आज भी याद करती है। जिसका लाभ निश्चित रूप से कमल सोनी को मिलेगा कमल सोनी श्री राम मंदिर निर्माण अभियान में सक्रिय भूमिका निभाते हुए सबसे ज्यादा चर्चा में सामने आए जब संघ ने उन्हें जिला प्रचार प्रसार प्रमुख, नगर का सह-संयोजक का दायित्व दिया जिसके कारण संघ की सभी आनुषंगिक संगठन ने उनके काम की सराहना की जिसके कारण महापौर पद के लिए भाजपा से कमल सोनी की दावेदारी मजबूत मानी जा रही है।
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