शासकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय कोचवाय में नशा मुक्ति जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन

शासकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय कोचवाय में नशा मुक्ति जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन

परमेश्वर राजपूत, गरियाबंद : नशा मुक्त भारत अभियान के तहत समाज कल्याण विभाग गरियाबंद, शांति मैत्री ग्रामीण विकास संस्थान ,नशा मुक्ति केंद्र के सयुक्त तत्वाधान में नशा मुक्ति जागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है जिसमे शासकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय कोचवाय ,विकास खंड गरियाबंद जिला गरियाबंद में नशा मुक्ति जागरूकता कार्यक्रम के अन्तर्गत एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। नशा मुक्ति जागरूकता कार्यक्रम करनेे का महत्वपूर्ण उद्देश्य हमारे ग्रामीण सामाजिक परिवेश में मादक पदार्थ एवं नशिली पदार्थो से दूर रहने के मुद्दे की ओर लोगों की जागरूकता और समझ को बढ़ाना है, समाज में नशेड़ी व्यक्तियों के लिए  उनके स्वास्थ्य, सेहत, शिक्षा और सामाजिक प्रतिष्ठा पर ध्यान केन्द्रित करना होता है।

शांति मैत्री ग्रामीण विकास संस्थान द्वारा आयोजित नशा मुक्ति जागरूकता कार्यक्रम में खिलेश गायकवाड,नशा मुक्ति केंद्र के प्रबंधक,आकाश ध्रुव सामाजिक कार्यकर्ता,अशोक नेताम समाजिक कार्यकता ,डेविड सोम वार्ड बॉय एवं शासकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय कोचवाय के प्राचार्य आर एल यादव की उपस्थिती में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। नशा मुक्ति जागरूकता कार्यक्रम के संदर्भ में अपने विचार रखते हुए खीलेश गायकवाड ने बताया कि हमारे नशा मुक्ति केन्द्र में नशा पीड़ित व्यक्तियों को निःशुल्क उपचार की सुविधा के साथ मनोवैज्ञानिक तरीके से योगाभ्यास मेडिटेशन एवं व्यायाम के साथ साथ नशे पीड़ित व्यक्तियों का ईलाज प्राकृतिक एवं आध्यामिक प्रक्रियाके तहत काउसलिंग एवं साइकोलाॅजी कक्षाओं के बिना भेदभाव के ईलाज किया जा रहा है। डेविड सोम ने बताया कि नशा से व्यक्तियों को बहुत सारे सामाजिक मानसिक पारिवारिक एवं आर्थिक तकलीफों से गुजरना पड़ता है।नशा करने वाले व्यक्ति का पतन होता जाता है क्योंकि नशा नाश की जड़ होती है, हमे हमारे सभ्य समाज की स्थापना करने के लिए नशा मुक्ति समाज की कल्पना को साकार करने की आवश्यकता है। 

नशा मुक्ति जागरूकता कार्यक्रम में आकाश ध्रुव ने अपने विचार रखते हुए कहा कि नशा से नुकसान ही होेता है स्वास्थ्यगत समस्याए जैसे लीवर, किडनी, फेफडों का डेमेज होना, फोकस एण्ड कंसन्टेशन लाॅस, माइण्ड डिसआर्डर एण्ड डिप्रेशन, साॅइकोसिस यानी भ्रम की बीमारी, पैनिक अटैक का होना, दुर्घटना, आत्महत्या करने की खतरा आदि के साथ समाज में अपराधों में बढ़ौतरी देखा जा रहा है। इसके रोकथाम के लिए समाज में नशा मुक्ति जागरूकता कार्यक्रम की आवश्यकता है।कार्यक्रम में उपस्थित विभिन्न कक्षाओं के छात्र-छात्राओं के द्वारा अपनी जिज्ञासा के आधार पर प्रश्न किये, नशा से संबंधित प्रश्नों के द्वारा अपने समाज में एवं आसपास हो रहे अपराधों एवं अनैतिक तथ्यों का सउदाहरण पेश कियें। जिसका प्रश्नों का समाधान किया गया। प्रतिभावान छात्र-छात्राओं ने इस प्रकार के कार्यक्रम बार-बार किये जाने की आवश्यकताओं पर जोर दिया। चिन्हित जिले नशा मुक्त भारत अभियान के क्रियान्वयन में जिला स्तरीय नशा मुक्त समितियों के माध्यम से अग्रणी भूमिका निभाएंगे, जिन्हें विशेष रूप से अभियान के लिए गठित किया गया है। इन समितियों की अध्यक्षता जिला कलेक्टर/मजिस्ट्रेट करेंगे, जो अन्य सदस्यों के साथ मिलकर अपने-अपने जिलों में जिला स्तरीय कार्य योजना में अभियान के क्रियान्वयन की योजना तैयार करेंगे।
राज्य स्तरीय अभियान समितियां अपने राज्य के सभी चयनित जिलों की अभियान गतिविधियों की निगरानी करेंगी।

समिति की अध्यक्षता राज्य में नशा निवारण कार्यक्रमों को लागू करने वाले विभाग के प्रधान/मुख्य सचिव द्वारा की जाती है। जिला स्तरीय समितियों की गतिविधियों की निगरानी करने तथा उन्हें सहायता और मार्गदर्शन प्रदान करने में राज्य स्तरीय अभियान समिति की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। इस अभियान की निगरानी केन्द्रीय स्तर पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा स्थापित विभिन्न तंत्रों के माध्यम से तथा परियोजना निगरानी इकाई के राज्य समन्वयकों के माध्यम से की जाएगी।जिला स्तरीय नशा मुक्ति समितियाँ जिला आयुक्त/मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में जिला स्तरीय नशा मुक्ति अभियान समितियां, जिसमें स्वास्थ्य, शिक्षा, महिला एवं बाल विकास, एनसीबी, पुलिस और इस क्षेत्र में काम करने वाले संगठनों जैसे हितधारक मंत्रालयों के प्रतिनिधि शामिल हैं, को अपने जिलों में अभियान की गतिविधियों को लागू करने और निगरानी करने का प्रभारी बनाया गया है। ये समितियां कार्य योजना तैयार करने और अपने जिलों में अभियान को चलाने के लिए जिम्मेदार हैं। मास्टर वालंटियर्स जो अभियान के महत्वपूर्ण तत्व हैं, उनका चयन और निगरानी भी जिला स्तरीय अभियान समितियों द्वारा की जाएगी ।व्याख्याता शासकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय कोचवाय के द्वारा भी नशा के प्रति हो रहे दुप्रभाव के बारे में बताया  गया। कार्यक्रम का संचालन एवं आभार प्रदर्शन प्राचार्य शासकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय कोचवाय  द्वारा किया गया। 

उल्लेखनीय है कि नशा मुक्ति भारत अभियान जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन जिला गरियाबंद के सभी चिन्हाकिंत विद्यालयों में किया जा रहा हैं ताकि नशा से मुक्ति का अवसर नशा पीड़ितों को मिल सके एवं समाज में जागरूकता आयें। इस  कार्यक्रम में शासकीय उच्च  माध्यमिक विद्यालय कोचवाय के 250 बच्चों ने भाग लिया। कार्यक्रम में 250 बच्चों को शपथ दिलाया गया।









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