मांझे ने ले ली जान.. लापरवाह पुलिसकर्मी को  अर्थदंड जानिए पूरा मामला..

मांझे ने ले ली जान.. लापरवाह पुलिसकर्मी को अर्थदंड जानिए पूरा मामला..

एक अधिकारी ने बताया कि 14 जनवरी को मकर संक्रांति पर 'मांझा' (पतंग की डोर) से गला कटने के बाद 20 वर्षीय छात्र की मौत के मामले में ड्यूटी में लापरवाही बरतने के लिए तीन पुलिसकर्मियों पर जुर्माना लगाने का गुरुवार को निर्णय लिया गया।

मोटरसाइकिल सवार हिमांशु सोलंकी की द्वारकापुरी पुलिस थाने की सीमा में मौत हो गई, क्योंकि चोट लगने से उसका काफी खून बह गया था। स्थानीय कॉलेज में बीए द्वितीय वर्ष के छात्र सोलंकी के परिजनों ने दावा किया कि प्रतिबंधित 'चीनी मांझा' के कारण उसकी मौत हुई।

मृतक के परिवार ने यह भी आरोप लगाया कि उन्होंने मामले की रिपोर्ट करने के लिए तीन पुलिस थानों का दौरा किया, लेकिन पुलिस वालों ने उनसे 'मांजा' दिखाने वाले मोबाइल फोन के वीडियो डिलीट करवा दिए। अधिकारी ने कहा, "सहायक पुलिस आयुक्त की जांच रिपोर्ट के आधार पर द्वारकापुरी पुलिस थाने के प्रभारी निरीक्षक आशीष सप्रे पर ड्यूटी में लापरवाही के लिए 5000 रुपये का जुर्माना लगाने का फैसला लिया गया। 

सहायक उपनिरीक्षक (एएसआई) कमलेश डाबर और हेड कांस्टेबल प्रताप पटेल पर 1,000-1,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है।" मकर संक्रांति उत्सव का एक प्रमुख आकर्षण पतंग उड़ाना रहा है। हालांकि, प्रतिबंध के बावजूद पतंग उड़ाने की गतिविधियों में भाग लेने वाले कई लोग कांच और अन्य नुकीली वस्तुओं से मजबूत नायलॉन ''मांजा' या पतंग की डोर का उपयोग करते हैं, जिसके परिणामस्वरूप लोगों और जानवरों को गंभीर चोटें आती हैं और मौत भी हो जाती है।






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