दुनिया में आप सबने बहुत अजीबोगरीब नाम सुने होंगे. लेकिन उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में एक ऐसा अनोखा गांव है. जहां सभी लोगों के नाम के साथ चूहा-बिल्ली, तोता-भेड़ियों के नाम आते हैं. हम बात कर रहे हैं बागपत जिले के बामनौली गांव की. क्योंकि यहां पर सभी के नाम के साथ किसी न किसी जानवर और पंछी का नाम है. इसके पीछे का कार एक पुराना रिवाज बताया जाता है. इसके साथ-साथ यहां के लोगों की पहचान हवेलियों से भी होती है. इस गांव को सबसे यूनिक यहां मौजूद 11 ऐतिहासिक मंदिर बनाते हैं।
नाम रखने का रिवाज है पुराना
लोगों के द्वारा पशुओं व जानवरों के नाम पर उपनाम रखने का रिवाज काफी पुराना है. आपको बता दें कि गांव के कई नामों के पीछे तोता, चिड़िया, गिलहरी, बंदर आदि शब्द लगे हुए हैं. यही नहीं एक गांव के शख्स को हर कोई गीदड़ के नाम से पुकारता है. बाहर से चिट्ठी लिखने वाले लोग गांव के लोगों के नाम के साथ उनके अपनाम भी लिखते हैं.
250 साल पुरानी हवेलियां हैं मौजूद
बागपत जिला मुख्यालय से लगभग 28 किलोमीटर की दूरी पर स्थित बामनौली गांव अपने अनोखे उपनाम के साथ 250 साल से भी पुरानी हवेलियों के लिए भी जाना जाता है. गांव में कुल मिलाकर 24 से भी ज्यादा हवेलियां हैं. जिसके कारण गांव को हवेलियों वाला गांव भी कहा जाता है. गांव की आबादी लगभग 14000 के करीब है.
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