भारत का अकेला राज्य जहां नहीं है एक भी कुत्ता

भारत का अकेला राज्य जहां नहीं है एक भी कुत्ता

यहां के लोगों की धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताओं के कारण कुत्तों को पालना या रखना आम नहीं है.

कुत्ते बैन हैं यहां

लक्षद्वीप एक छोटा और खूबसूरत द्वीपसमूह है, जहां जगह और संसाधन सीमित हैं, इसलिए यहां कुत्ते पालने की परंपरा कभी विकसित नहीं हुई.

कुत्ते नहीं हैं यहां

यहां के लोगों की धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताओं के कारण कुत्तों को पालना या रखना आम नहीं है.

समुद्र से घिरा द्वीप

समुद्र से घिरे इस द्वीप पर कुत्तों के लिए अनुकूल वातावरण और भोजन की उपलब्धता बेहद सीमित है.

टूरिस्ट भी नहीं ला सकते कुत्ते

स्थानीय प्रशासन ने कुत्तों को द्वीप पर लाने और रखने पर प्रतिबंध लगा रखा है, जिससे उनकी मौजूदगी नहीं के बराबर है.

बीमारी फैला सकते हैं कुत्ते

यह माना जाता है कि कुत्ते गंदगी फैला सकते हैं और बीमारियां ला सकते हैं, इसलिए उन्हें यहां रखने से बचा जाता है.

कुत्तों की कोई भूमिका नहीं

द्वीप के पारंपरिक जीवन और कृषि गतिविधियों में कुत्तों की कोई भूमिका नहीं है, जिससे उनका महत्व नहीं रहा.

क्या पालते हैं लोग?

यहां के लोग मवेशियों, मुर्गियों और मछलियों जैसे जीवों को पालते हैं, जो उनके दैनिक जीवन और आजीविका के लिए अधिक उपयोगी हैं.

क्यों बैन हैं कुत्ते

द्वीप पर कुत्तों की अनुपस्थिति पर्यावरण को स्वच्छ और शांतिपूर्ण बनाए रखने में मदद करती है.

कुत्तों पर प्रतिबंध

लक्षद्वीप के नियम और वहां की समाज व्यवस्था ने इसे ऐसा स्थान बना दिया है जहां कुत्तों का आनाजाना पूरी तरह प्रतिबंधित है.

लक्षद्वीप के अनोखे टापू

यह खास बात लक्षद्वीप को न सिर्फ पर्यटकों के लिए आकर्षक बनाती है, बल्कि इसे दुनिया के सबसे अलग और अनोखे द्वीपों में भी शामिल करती है.

 






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