चमत्कारी मंदिर का ऐसा mistry, जिसे देख NASA के वैज्ञानिको ने भी घुटने टेक दिए..

चमत्कारी मंदिर का ऐसा mistry, जिसे देख NASA के वैज्ञानिको ने भी घुटने टेक दिए..

हमारे भारत देश में ऐसे बहुत से मंदिर मौजूद है जिनका रहस्य अभी तक रहस्य ही बना हुआ है इन मंदिरों के चमत्कारों के आगे सभी नतमस्तक हो गए है यहां तक की वैज्ञानिक भी इन मंदिरों के रहस्यों को सुलझाने में नाकामयाब साबित हुए हैं इन चमत्कारिक मंदिरों के रहस्यों को सुलझाने के लिए आए दिन देश और विदेश से बहुत से वैज्ञानिक आते हैं परंतु इन रहस्यों को सुलझाने में अभी तक कोई भी सफल नहीं हो पाया है आज हम आपको इस लेख के माध्यम से एक ऐसे ही चमत्कारिक मंदिर के बारे में जानकारी देने वाले हैं जिसके चमत्कार ने दुनिया भर के वैज्ञानिकों की नींद उड़ा दी है जी हां, आप लोग बिलकुल सही सुन रहे हैं इस मंदिर के चमत्कार को देखकर वैज्ञानिक भी काफी आश्चर्यचकित हो गए है।

दरअसल, हम जिस मंदिर के बारे में बात कर रहे हैं यह चमत्कारिक मंदिर उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में स्थित है इस मंदिर को "कसार देवी" मंदिर के नाम से जाना जाता है इस मंदिर की शक्तियों के आगे नासा के वैज्ञानिक भी हार मान चुके हैं इन शक्तियों की पहेलियों को सुलझाने की कोशिश नासा के वैज्ञानिकों के द्वारा असफल रही है परंतु इसकी पहेली अभी तक पहेली ही बनकर रह गई है इसके रहस्य के बारे में आज तक किसी को भी नहीं मालूम है दरअसल, पिछले कुछ समय से नासा के वैज्ञानिक चुम्बकीय रूप से इस जगह के चार्ज होने के वजह और प्रभावों पर अध्ययन कर रहे हैं इस मंदिर के आसपास वाला पूरा क्षेत्र वैन एलेन बेल्ट है जहां धरती के भीतर विशाल भू-चुंबकीय पिंड है इस पिंड में विद्युतीय चार्ज कणों की परत होती है जिसे रेडिएशन भी कहा जा सकता है परंतु आज तक कोई भी इस भू चुंबकीय का पता नहीं लगा सका है।

पर्यावरणविद डॉक्टर अजय रावत भी काफी लंबे वक्त से इस पर अध्ययन कर रहे हैं कसार देवी का यह इलाका ब्रिटेन के स्टोन हेंग और पेरू के केमाचू- पिच्चू से बहुत समानता रखता है पिछले 2 वर्षों से नासा के वैज्ञानिक भी इस बेल्ट के बनने पर रिसर्च कर रहे हैं नासा की टीम इस चुंबकीय क्षेत्र के बनने के कारणों के साथ साथ मानव मस्तिष्क और प्राकृतिक पर इसके पड़ने वाले प्रभाव पर अध्ययन कर रहे हैं परंतु अभी तक उनको सफलता हाथ नहीं लगी है।

ऐसा बताया जाता है कि इस स्थान के चमत्कारों से प्रभावित होकर स्वामी विवेकानंद भी कसार देवी मंदिर पर 1890 में कुछ महीनों के लिए आए हुए थे इस विषय में ऐसा कहा जाता है कि अल्मोड़ा से करीब 22 किलोमीटर दूर ककड़ीघाट में उन्हें विशेष ज्ञान की अनुभूति भी हुई थी इसी प्रकार बौद्ध गुरु लामा अंगरिका गोविंदा ने गुफा में रहकर विशेष साधना की थी स्वामी विवेकानंद जी का इस स्थान के बारे में ऐसा कहना है की "यदि धार्मिक भारत के इतिहास से हिमालय को निकाल दिया जाए तो उसका अत्यल्प ही बचा रहेगा यह केंद्र केवल कर्म प्रधान ना होगा बल्कि निस्तब्धता ध्यान और शांति की प्रधानता होगी।

कसार देवी मंदिर के चमत्कारों से प्रभावित होकर हर वर्ष इंग्लैंड से और बहुत से देशों से लोग यहां पर आते हैं और यहां पर कुछ महीने रहकर आध्यात्मिक शांति की प्राप्ति करते हैं कसार देवी का यह मंदिर अपने चमत्कारों के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है इस मंदिर के चमत्कार और रहस्य पर लगातार अध्ययन किया जा रहा है परंतु अभी तक कोई भी परिणाम सामने नहीं आया है।






You can share this post!


Click the button below to join us / हमसे जुड़ने के लिए नीचें दिए लिंक को क्लीक करे


Related News