मुखिया के मुखारी –  प्रहार तों भीषणतम होंगा,संग्राम न्याय के लिए अंतिम होंगा

मुखिया के मुखारी – प्रहार तों भीषणतम होंगा,संग्राम न्याय के लिए अंतिम होंगा

ऐश्वर्य ,भक्ति ,शक्ति ,सम्पत्ति सब कुछ था रावण के पास, ग्रहों की चाल उसकी गिरफ्त में थे,तीनों लोकों में उसका वर्चस्व था, नियत के आभाव ने उससे कई कुकर्म करवाए ,राग दरबारियों से भरी उसकी सभा ने कभी भगवान की आभा कों स्वीकारने का मौका नही दिया ,सर्व शक्तिमान रावण अपने शक्ति के वश में अपने सहोदर भाई विभीषण कों नही कर पाया । राग दरबारियों के स्वार्थ ने उसकी आत्ममुग्धता,मतान्धता ने उससे गुरुर में सीता हरण जैसा दुष्कर्म करवाया ,सोने की लंका ख़त्म हो गई, ऐश्वर्य उसका नष्ट हो गया, जीवन मूल्यों पर आधारित पथ ख्याति देता है ,पथ भ्रष्टता दुर्गति रावण जैसी करता है । नाभि में अमृत धारण कर भी रावण कों अमरत्व नही मिला ,जिस भक्ति के बल पे दस बार शीश काट उसने भगवान महादेव पर चढ़ाया, उनका भी संरक्षण नही मिला, शिव तांडव स्रोतं के रचयिता परम ज्ञानी रावण की हार उसके चरित्र के चाल का परिणाम थी ,जिन्होंने ब्राम्हण कुमार रावण कों मत मारों की रचना की उन्हें तों रावण का इतिहास अच्छे से पता होंगा, विभीषण की महत्ता भी समझ आती होंगी, फिर ये गलती कैसे हों गई, की अपने ही राज में विभीषण बना लिया, भिलाई के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता एवं पूर्व प्रभारी महासचिव का बयान आया की प्रदेश कांग्रेस कमेटी के तत्कालीन कोषाध्यक्ष विभीषण थे सरकार के काले कारनामों की सुचना अपने भाजपा नेता समधी के माध्यम से भाजपाईयों कों देते थे, यदि ये सच है तों प्रश्न यक्ष है,की कांग्रेस संगठन में नंबर दो की पदवी कोषाध्यक्ष की आपके बाहरी के परिभाषा की परिधि में आने वाले कों कैसे मिल गई ,क्या किसी छत्तीसगढ़िया में ये योग्यता नही थी या फिर स्थानीय का आपका मुद्दा दिखावा था, कांग्रेस का कोषाध्यक्ष पिछले ढाई साल से भूमिगत है ,कोषप्रबंधन वैध- अवैध दोनों तरह का वही  करते थे, घोटालों की लेवी लेने का उन पर आरोंप है, जाँच एजेंसियों कों उनकी तलाश है,वों नही है अपने आवास में ,उनके विदेश प्रवास की सुचना सबके पास है, ऐसे कौन से सुरखाब के पंख लगे है उनमें जों सिर्फ कोषाध्यक्ष रहकर जांच के दायरे से ही बहार नही देश से बाहर है। 

निर्वाचित विधायक जेल चले गए ,कई अधिकारी ,व्यापारी जेल में है ,पूर्व मंत्री जेल के मुहाने में खड़ा है, काट रहा रिमांड दम तों दिखता है सिसोदिया के बयान में, शक तों पुख्ता होता है उसके विभीषण वाले दावे पे ,घोटालों की हर कड़ी में तत्कालीन कोषाध्यक्ष का नाम है, फिर भी सुविधाए उनकों तमाम है, ऐसी कौन सी युति बिठाई आपने की सारी जाँच बिना उन्हें पहुंचाए आंच हो रही है । छत्तीसगढ़िया IAS बेटा ,बेटी निपट गए, मूलनिवासी सब कानून में बंध जेल के मेहमान हो गए ,कुछ तों बात है कोषाध्यक्ष के कोषप्रबंधन का कमाल है ,सबका, सरकार का पार्टी का, घोटाले का कोषप्रबंधन करते थे, कही सबमें आपका कोष भी तों शामिल नही है । बड़े -बड़ो कों, जनप्रतिनिधियों कों, अफसरों कों ,व्यापारियों कों इसी बात का रार है ,कैसे वों फरार है, कुछ तों होंगी इस मेहरबानी की वजह ,काले पैसों पे प्रबंधन की वजह से बना आपका बंधन है ,जों उन्हें बेड़ियों में बाँध नही पा रहा ,या फिर सही में ये उनके विभीषण होने का भौकाल है ? अकाल है अकल का या फिर पैसों का सवाल है ,लखते जिगर आपका जिगर निकाल रहा ,जिरह से भाग कैसे आपका सम्मान बचा रहा ,फ़ौज में आपके शेर होते तों ना भागते ,तोते सारे रटन्तु ,पिंजरे में कैद है,जों भाग गया ,वों कौन है ?यदि वों सही में विभीषण है ,तों फिर ये बात तों आपकी पसंद ,दूरदर्शिता पर प्रश्न चिन्ह है। 

आपकी सेना के सिपह सलारों की सलाह आप पे भारी पड़ी ,फ़ौज में भगदड़ मची ,मिचमिचाते आप अभी भी रहे है ,आदत आपकी ये पुरानी है, मची आज भी आपकों पुरानी अड़ी है ,रस्सी जल गई बल नही गया अभी ,भविष्य बहुतों का बिगाड़ा आपने ,कुकर्मो में राग दरबारी बन साथ निभाया था सबने ,घोटालों से घट गया मान है, पर माल बनाया सबने बेहिसाब है ,सबकों कर्मो की यदि सजा मिल रही तों फिर क्यों ये विभीषण फरार है,टेसू मिडिया के घपले का एहसान है या फिर छत्तीसगढ़िया वाद का नकली पहचान है ,फरमान सारे आपके जाली निकले ,अरमान सारे आपके टेसुओं में बह जायेंगे ,ऐसे माँ ,मौसी करेंगे तों अपराध नही छिप पाएंगे ,सबूत चीख -चीखकर आपके काले कारनामें बताएंगे।  सहूलियत सिर्फ एक कों विभीषण की क्यों ? अहमियत बाकी की जेल की क्यों ? बाकि सब पीस रहे वों अकेले ऐश कर रहे ऐसी जुगलबंदी का राज क्या है, विभीषण राजनीति से परे सत्ता बदल गई फिर भी ना किसी से डरे, ये कौन सी व्यथा है ,अजीब इस सुशासन की भी कथा है ,दर्प तों रावण का भी नही ठहरा था नारायण की वानर सेना ने उसका भी संहार किया था ,विभीषण की पहचान बता दी कांग्रेसियों ने ऐसे में --------------- प्रहार तों भीषणतम होंगा,संग्राम न्याय के लिए अंतिम होंगा

चोखेलाल
आपसे आग्रह :

कृपया चोखेलाल की टिप्पणियों पर नियमित रूप से अपनी राय व सुझाव इस नंबर 6267411232 पर दें, ताकि इसे बेहतर बनाया जा सके।
मुखिया के मुखारी में व्यवस्था पर चोट करती चोखेलाल






You can share this post!


Click the button below to join us / हमसे जुड़ने के लिए नीचें दिए लिंक को क्लीक करे

Comments

  • No Comments...

Leave Comments