सरकारी अस्पताल में लापरवाही : मोतियाबिंद का इलाज करवाने वाले चार मरीजों की आंखों की रोशनी गई

सरकारी अस्पताल में लापरवाही : मोतियाबिंद का इलाज करवाने वाले चार मरीजों की आंखों की रोशनी गई

 रायपुर/ बैकुंठपुर :  कोरिया जिले के एक सरकारी अस्पताल में लापरवाही का मामला सामने आया है। मोतियाबिंद का इलाज करवाने वाले चार मरीजों की आंखों की रोशनी चली गई है। मिली जानकारी के अनुसार ऑपरेशन असफल होने के बाद कोरिया जिले से अलग-अलग तिथियों में चार मरीजों को इलाज के लिए रायपुर रेफर किया गया।

इसके बाद सारा मामला प्रकाश में आया। बताया जा रहा है कि रायपुर की अस्पताल की रिपोर्ट के आधार पर प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने कोरिया जिले में हुए ऑपरेशन में जांच करवाने का निर्णय लिया है। इस दौरान छत्तीसगढ़ शासन ने जिले के कलेक्टर को जांच कर रिपोर्ट देने को कहा है।

मामले में जिस प्रकार प्रदेश सरकार गंभीर नजर आ रही है, उसे देखते हुए कई जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई के डर से उनकी सांस अभी से फूलने लगी है। जानकारों का कहना है कि लापरवाही पर कार्रवाई होनी ही चाहिए। अभी न तो स्वास्थ्य विभाग और न जिला प्रशासन कुछ भी कहने को तैयार है।

मामले में मिली जानकारी के अनुसार, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पटना में 24 दिसंबर 2024 को बीएमओ डॉ. बलवंत सिंह के नेतृत्व में 10 लोगों के मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया गया था। इसमें से तीन ऑपरेशन असफल होने के कारण रायपुर रेफर किए गए थे।

वहीं, फिर से 15 जनवरी 2025 को इसी अस्पताल में तीन लोगों के मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया गया। इसमें से भी दो लोगों की दिखना बंद हो गया था। इसकी शिकायत के बाद इन्हें भी इलाज के लिए रायपुर रेफर किया गया था।

पांच सदस्यी टीम
पहुंची जांच के लिए

दो दिन पूर्व पूरे मामले को लेकर बेहद गंभीर नजर आ रही राज्य सरकार ने मामले में लापरवाही की जांच करने कोरिया कलेक्टर को निर्देश दिया। शासन के निर्देश पर कोरिया कलेक्टर ने पांच सदस्यी टीम गठित कर मामले की गहन जांच करने शनिवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पटना भेजा।

सीएचसी पटना में दोपहर बाद डिप्टी कलेक्टर के नेतृत्व में मुख्य चिकित्सा में स्वास्थ्य अधिकारी, नायब तहसीलदार एवं नेत्र रोग विशेषज्ञ की टीम अस्पताल पहुंची। वहीं, जाच के दौरान जिले के पूर्व सीएचएमओ और नेत्र रोग विशेषज्ञ और नोडल अधिकारी डॉ. आर एस सेंगर ने बाद में जांच टीम को ज्वाइन किया।

जुटाए गए सबूत,
लिया गया पीड़ितों का बयान

मामले में जांच दल ने सबसे पहले सीएचसी पटना पहुंचकर ऑपरेशन थियेटर से सारे सैंपल कलेक्ट किए। इसके बाद पटना के नानभान की महिला रजमनिया 55 साल और बरदिया की रहने वाली 60 साल की महिला देव मुनिया को एबुलेंस से लाकर उनका बयान लिया गया।

इसके साथ ही नेत्र रोग विशेषज्ञ के द्वारा जांच टीम के समक्ष नेत्र परिक्षण किया गया। वहीं, पर अस्पताल में अन्य संबंधित लोगों का बयान दर्ज किया गया। दूसरी ओर ऑपरेशन थियेटर से सारे सेंपल कलेक्ट करके तत्काल मेडिकल कालेज में परीक्षण के लिए भेजा गया। परिक्षण रिर्पोट में ऑपरेशन में हुई लापरवाही उजागर होने की पूरी आशंका है।

दो मरीजों का रायपुर में
फिर से हुआ ऑपरेशन

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रशांत सिंह ने बताया कि शासन के निर्देश पर मामले की जांच की जा रही है। हमारी टीम द्वारा सोमवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पटना में जाकर सभी बिंदुओं की जांच के आधार पर सारे सामानों की सैंपलिंग कर उन्हें जांच के लिए भेज दिया गया।

सीएमएचओ ने कहा कि जाच दल ने दवाईयों समेत सारे वजहों की जांच की है। उन्होंने बताया कि नेत्र परिक्षण में दो महिलाओं के नेत्र को ठिक-ठाक पाया गया है। जबकि 20 जनवरी को रायपुर में दो लोगों का फिर से ऑपरेशन हुआ है। अस्पताल से उनकी वास्तविक स्थित की रिपोर्ट आने का इंतजार किया जा रहा है।






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