ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने का एक अच्छा और टिकाऊ जरिए..पालन से लेकर निवेश और लागत...

ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने का एक अच्छा और टिकाऊ जरिए..पालन से लेकर निवेश और लागत...

भारत सरकार ने ब्लू रिवॉल्यूशन के तहत मछली पालन को "सनराइज सेक्टर" घोषित किया है. वित्तीय वर्ष 2024 के बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मछली पालन क्षेत्र के लिए 20,000 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं.

भारत में मछली पालन (Fish Farming) तेजी से विकसित हो रहा है. इसे टिकाऊ खेती के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने का एक अच्छा और टिकाऊ जरिया माना जा रहा है. मछली पालन न केवल प्रोटीन डाइट का मुख्य स्रोत है, बल्कि यह रोजगार और आर्थिक विकास में भी योगदान देता है. कई लोग इसके बिजनेस से लाखों-लाखों कमा रहे हैं.

दरअसल, भारत विश्व स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक देश है और जलीय कृषि (aquaculture) में दूसरा स्थान रखता है. भारत समुद्री और मीठे पानी की मछलियों जैसे कैटफिश, टिलापिया और कार्प की खेती में प्रमुख भूमिका निभाता है. 'बिजनेस टुडे' की रिपोर्ट के मुताबिक, वित्तीय वर्ष 2023-24 में भारत का समुद्री खाद्य निर्यात 60,000 करोड़ रुपये से ज्यादा रहा, जिसमें फ्रोजन झींगा का हिस्सा सबसे ज्यादा है.

ब्लू रिवॉल्यूशन को लेकर हो रही कई पहल

भारत सरकार ने ब्लू रिवॉल्यूशन के तहत मछली पालन को "सनराइज सेक्टर" (sunrise sector) घोषित किया है. वित्तीय वर्ष 2024 के बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मछली पालन क्षेत्र (Aquaculture Industry) के लिए 20,000 करोड़ रुपये आवंटित किए. यह राशि मछली पालन केंद्रों, कोल्ड स्टोरेज, और प्रोसेसिंग यूनिट्स के आधुनिकीकरण के लिए उपयोग की जाएगी. इसके अलावा, मछली और झींगा फीड के उत्पादन में उपयोग होने वाले कई कच्चे माल पर सीमा शुल्क को घटाकर 5 परसेंट कर दिया गया है.

मछली पालन के प्रकार

मछली पालन के कई प्रकार हैं, जो उनकी संरचना और तकनीक के आधार पर अलग-अलग होते हैं:

1. पॉन्ड सिस्टम: पारंपरिक विधि, जिसमें मछलियों को मीठे पानी के तालाबों में पाला जाता है.

2. केज सिस्टम: इसमें मछलियों को जालों में रखा जाता है, जो समुद्र या झीलों के पानी में होते हैं.

3. रिसर्कुलेटिंग सिस्टम: यह आधुनिक तकनीक है, जिसमें पानी को फिल्टर और रीसायकल किया जाता है.

4. इंटीग्रेटेड मल्टीट्रोफिक एक्वाकल्चर (IMTA): इसमें अलग-अलग लेवल के पानी में रहने वाले जीवों को एक साथ पाला जाता है.






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