छत्तीसगढ़ के किसान भी अब नगदी फसलों की खेती करने पर फोकस कर रहे हैं. किसान वैसे फसलों की खेती पर जोर दे रहे हैं, जो कम समय और कम लागत में अधिक मुनाफा दे सके. किसानों के लिए फ्रेंच बीन की खेती एक बेहतर आय का साधन बन सकती है. इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के अनुसंधान सह संचालक डॉ. धनंजय शर्मा ने बताया कि फ्रेंच बीन की खेती के लिए यह उपयुक्त समय है.
किसान साल में दो बार इसकी खेती कर सकते हैं. एक बार अक्टूबर-नवंबर में और दूसरी बार फरवरी-मार्च में में खेती कर सकते हैं. फिलहाल, अक्टूबर की फसल खत्म होने वाली है. वहीं किसान फरवरी में खेत तैयार कर इसकी बुवाई कर सकते हैं.
ये है फ्रेंच बीन की उन्नत किस्में
किसानों को सलाह दी गई है कि वे बूस्ट टाइप की किस्मों का चयन करें, जो उत्पादन और गुणवत्ता में बेहतर मानी जाती है. कोमल और टेंडर जैसी किस्में भी उपयुक्त है. इसके अलावा, प्राइवेट सेक्टर द्वारा उपलब्ध 2-3 किस्मों की खेती भी की जा सकती है. बूस्ट टाइप किस्मों को 60 सेंटीमीटर की दूरी पर लगाया जाना चाहिए. लता वाली किस्मों के लिए 45 सेंटीमीटर की दूरी पर बीज बोना उपयुक्त रहता है. इसे पौधे का ग्रोथ बेहतर होगा और अधिक उत्पादन प्राप्त करने का अवसर पैदा होगा.
फ्रेंच बीन की मांग और बाजार मूल्य
गर्मियों के दौरान फसल तैयार होने पर बाजार में इसकी जबरदस्त मांग रहती है. इसके लिए किसानों को अपने नजदीकी बाजारों में मांग और कीमत का पता कर लेना चाहिए. छत्तीसगढ़ के किसान फ्रेंच बीन की उन्नत किस्मों की खेती कर बेहतर आय अर्जित कर सकते हैं. बाजार की मांग को देखते हुए यह फसल ना केवल स्थानीय बाजारों को फायदा पहुंचाएगी, बल्कि किसानों की आर्थिक स्थिति को भी मजबूत करेगी. फ्रेंच बीन की खेती छत्तीसगढ़ के किसानों के लिए आय का एक महत्वपूर्ण स्रोत साबित हो सकती है. सही किस्मों का चयन, फसल प्रबंधन और बाजार की समझ के साथ किसान इस फसल से मालामाल हो सकते हैं।
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