ड्रोन तकनीक नई है और खेती के क्षेत्र में क्रांतिकारी भी. इससे घंटों का काम कुछ मिनटों में हो रहा है. यहां तक कि फसल निगरानी से लेकर स्प्रे के छिड़काव तक का काम पल भर में किया जा रहा है. खेती में तकनीक को बढ़ावा देने के लिए ड्रोन जैसी मशीन सबसे अधिक कारगर साबित हो रही है. यही वजह है कि सरकार सब्सिडी या वित्तीय सहायता देकर किसानों और एजेंसियों को ड्रोन खरीदने या किराये पर लेने के लिए प्रोत्साहित कर रही है. अगर आप किसान हैं या खेती से जुड़ी एजेंसी चला रहे हैं तो आपके लिए यह अच्छी खबर है. आप सरकार से सब्सिडी लेकर आसानी से ड्रोन ले सकते हैं और खेती में इसका इस्तेमाल कर सकते हैं.
ड्रोन को बढ़ावा देने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्, कृषि विज्ञान केंद्र, राज्य कृषि विश्वविद्यालय और अन्य सरकारी कृषि संस्थानों द्वारा ड्रोन खरीद पर 100 प्रतिशत या अधिक से अधिक 10 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता दी जा रही है. ICAR की पत्रिका खेती में दी गई जानकारी के मुताबिक, किसान उत्पादक संगठन (FPO) को किसानों के खेतों में ड्रोन के प्रदर्शन (डेमो देना) के लिए 75 परसेंट तक सब्सिडी दी जा रही है. जबकि ड्रोन किराये पर लेने वाली एजेंसियों को 6000 रुपये प्रति हेक्टेयर आकस्मिक व्यय और अधिक से अधिक 40 लाख रुपये की सहायता दी जाती है.
किसे मिलेगा ड्रोन खरीद का पैसा
किसानों की सहकारी समिति, एफपीओ और ग्रामीण उद्यमियों को ड्रोन खरीदने के लिए 4 लाख रुपये तक की सहायता दी जाती है. कृषि क्षेत्र में ग्रेजुएट की डिग्रीधारी को 50 प्रतिशत या 5 लाख रुपये तक की सहायता मिलती है. छोटे, सीमांत, अनुसूचित जाति या जनजाति, महिलाओं और पूर्वोत्तर किसानों को ड्रोन खरीद पर 50 प्रतिशत या 5 लाख रुपये, अन्य किसानों को 40 प्रतिशत या 4 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता दी जाती है. ऐसे में अगर आप किसान हैं या कृषि क्षेत्र में पढ़ाई की है और ड्रोन लेना चाहते हैं तो सरकार की ओर से वित्तीय मदद ली जा सकती है.
इसके अलावा महिलाओं के लिए नमो ड्रोन दीदी योजना की शुरुआत की गई है. इसमें महिलाओं के नेतृत्व वाले स्वयं सहायता समूहों को खेती के काम के लिए ड्रोन दिया जाता है. इस ड्रोन के जरिये स्वयं सहायता समूह की महिलाएं लिक्विड खाद और कीटनाशकों का छिड़काव कर कमाई कर सकती हैं. इसमें ड्रोन दीदी को ड्रोन उड़ाने की ट्रेनिंग दी जाती है. स्वयं सहायता समूह की किसी अन्य महिला या उसके परिवार के सदस्य को बिजली के सामान, फिटिंग और औजार के मरम्मत की ट्रेनिंग दी जाती है और उसे ड्रोन सहायक के तौर पर प्रशिक्षित किया जाता है. इससे रोजगार का अवसर पैदा होता है.
ड्रोन पायलटों की अच्छी कमाई
देश में ऐसे कई राज्य हैं जहां ड्रोन पायलटों की बहुत मांग है. इन राज्यों में आंध्र प्रदेश और तेलंगाना अव्वल हैं जहां से ड्रोन पायलट की अधिक मांग आ रही है. यहां के युवाओं को इस क्षेत्र में बढ़िया अवसर मिल रहा है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, इन दोनों राज्यों में ड्रोन पायलट युवाओं को 60,000 रुपये महीना तक की कमाई हो रही है. इन राज्यों में ड्रोन पायलट की मांग ऐसे समय में तेज बनी हुई है जब देश में इसकी शॉर्टेज चल रही है. तभी सरकार ड्रोन पायलट की ट्रेनिंग पर अधिक से अधिक खर्च कर रही है.
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