सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी वकीलों की राजनीतिक नियुक्तियों पर जताई चिंता

सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी वकीलों की राजनीतिक नियुक्तियों पर जताई चिंता

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों की ओर से हाई कोर्ट में सरकारी वकीलों  और लोक अभियोजकों की राजनीतिक आधार पर नियुक्ति करने की प्रवृत्ति पर बुधवार को गहरी चिंता व्यक्त की। जस्टिस जे.बी. पारदीवाला और जस्टिस आर. महादेवन की बेंच ने कहा कि भाई-भतीजावाद और फेवरिज्म को ऐसे महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्तियों का आधार नहीं बनाया जाना चाहिए। यह फैसला सभी राज्य सरकारों के लिए एक संदेश है कि हाई कोर्ट में सहायक सरकारी वकील और सहायक लोक अभियोजक की नियुक्ति केवल मेरिट के आधार पर होनी चाहिए। राज्य सरकार का कर्तव्य है कि वह नियुक्त व्यक्ति की योग्यता, उसकी कानूनी दक्षता, उसकी पृष्ठभूमि और उसकी ईमानदारी की जांच करे।

सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में एक आपराधिक अपील  के दौरान लोक अभियोजक की कमजोर पैरवी को देखकर की, जिससे आरोपी को सजा दे दी गई थी। कोर्ट यह देखकर चौंक गया कि हाई कोर्ट ने एक रिविजन याचिका  में ट्रायल कोर्ट के बरी के फैसले को पलट दिया, जो कि कानूनी रूप से अवैध है। रिविजन याचिका के माध्यम से बरी किए गए व्यक्ति को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। कोर्ट को यह देखकर और भी आश्चर्य हुआ कि हाई कोर्ट में पब्लिक प्रोसिक्युटर ने इस कानूनी त्रुटि को बताने के बजाय आरोपी को मौत की सजा देने की मांग कर दी, जबकि राज्य सरकार ने बरी किए जाने के खिलाफ कोई अपील ही दायर नहीं की थी।

बेंच ने अफसोस जताते हुए कहा कि हाई कोर्ट में लोक अभियोजकों के स्तर का ये हाल है। अदालत ने कहा कि लोक अभियोजक एक सार्वजनिक पदाधिकारी होता है। आपराधिक प्रक्रिया संहिता (CrPC) के तहत उसे कुछ विशेष अधिकार और कर्तव्य सौंपे गए हैं। लोक अभियोजक किसी जांच एजेंसी का हिस्सा नहीं होता, बल्कि एक स्वतंत्र पदाधिकारी होता है। लोक अभियोजक को न्यायिक प्रणाली में अपराध के अभियोजन की ईमानदारी और निष्पक्षता बनाए रखनी चाहिए। इस मामले में, सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार को तीन अपीलकर्ताओं को मुआवजे के रूप में 5-5 लाख रुपये देने का आदेश दिया, जिन्हें गलत तरीके से दोषी ठहराकर हत्या के आरोप में आजीवन कारावास की सजा सुना दी गई थी।






You can share this post!


Click the button below to join us / हमसे जुड़ने के लिए नीचें दिए लिंक को क्लीक करे


Related News



Comments

  • No Comments...

Leave Comments