भव्यता दिव्यता अलौकिकता,भक्त संत और भगवन का त्रिवेणी संगम है, महाकुंभ,करोड़ो श्रद्धालुओं के समागम की बेला पर अनहोनी घट गई,भगदड़ में 30 श्रद्धालुओं की जान चली गई ,भक्ति के इस समागम में करुण दृश्य बने दुःखद निधन हुआ,योगी सरकार के हिस्से ये दुर्घटना आई । महाकुंभ के शुरुवात से देश के कई राजनीतिक दलों की धड़कन बढ़ गई थी, श्रद्धालुओं के सैलाब से उन्हें अपनी राजनीतिक आस्था डोलती नजर आ रही थी,तोहमत लगाने का कोई मौका इन दलों के नेताओं ने कुंभ की व्यवस्था कों लेकर शुरवाती दिनों से लेकर अभी तक उत्तर प्रदेश के अकललेस नेता ने ओछी टिप्पणियाँ की ।पाप पूण्य कर्म आस्था संस्कार सनातनी परम्परा से अनभिज्ञ ये नेता कुंभ की बुराईया कर अपनी राजनीतिक रोटी सेकने के लिए अपने पिता मुलायम सिह की महामुर्ती स्थापित करवाता है,कुंभ का विरोध भी, पर वोटो के लाले ना पड़ जाए उस डर में कुंभ स्नान भी, दुसरे कांग्रेस के अध्यक्ष मोदी सरकार निर्मित बाबा साहब अम्बेडकर के महूँ स्थित स्मारक से बोलते हुए कह रहे थे की गंगा नहाने से गरीबी मिटती है क्या ? खरगे जी आपका ये बयान हिंदूओ कों बहुत खटके है नेहरु ,इंदिरा ,सोनिया ,प्रिंयका सबने गंगा स्नान गरीबी हटाने के लिए किया था, गरीबी हटी या नही पर गंगा स्नान उन्होंने भी किया ,यदि आस्था की वजह से किया तों आम सनातनियों की आस्था से क्यों खेल रहे,क्या हज और वैटिकन सिटी की यात्रा के लिए भी आप यही तर्क दे सकते है ,हज हाउस से किसकी गरीबी दूर होती है ,रोजा इफ्तार की दावते आपने खूब की है,क्या वों गरीबोँ का भोज था या आप रोजेदार थे ? सनातनियों से इस नफरत की कोई वजह तों होंगी या फिर धर्म की परिभाषा भी आप अपने ज्ञान से लिखना चाह रहे ,लिखना है तों राहुल गाँधी की सही जाति लिखकर बताओं,सर के बचे खुचे बाल उड़ जायेंगे पर आप राहुल गाँधी की जाति नही बता पाएंगे।
मुस्लिम दलित समीकरण साध रहे थे महूँ में इसलिए आपने सनातनी आस्थाओं और परंपराओं पर घटिया बयान देकर कांग्रेस की मानसिकता कों उजागर किया,ऐसे कई और नेता है जिन्होंने विष बुझे तीर महाकुंभ के लिए चलाये उनकी मानसिकता में परिवर्तन वों चाहे ,न चाहे समय करवा ही देता है, जिस जीवित मुलायम सिह ने कारसेवकों पर गोलियाँ चलवाई उन्हें मूर्ति रूप में महाकुंभ में स्थापित होना पड़ा, समय अपनी चाल चलता है आप अपने आप कों चतुर समझ सकते है पर समय हमेशा आपकों मजबूर करता है, अस्सी के दशक से हिन्दू अवचेतन मन ने करवट बदली,राम जन्मभूमि आंदोलन के साथ चेतना प्रस्फुटित हुई ,आत्मगौरव जागा भव्य रामलला अयोध्या में स्थापित हुए लेकिन इन विरासतों से आपने कभी कोई वास्ता नही रखा। कृष्ण जन्मभूमि ,ज्ञानवापी ,संभल और ऐसे ही अनेकों धार्मिक स्थल है, जिनपर बेजा कब्जा किया गया है यदि आप हमारी आस्था से इतने प्रभावित है तों न्याय का साथ दीजिए हमे हमारे धार्मिक स्थलों पे पूजा का अधिकार दिलाइये।
सनातन कों डेंगू ,मलेरिया, एड्स बताने वाले सनातन का समूल नाश चाहने वाले रामचरितमानस पर ओछी टिप्पणियाँ करने वाले सारे नासमझ आपके कुनबे में हीरे बने बैठे है। ऐसे नास्तिको के समूह से आस्था की कोई उम्मीद नही है, दिखावटी हिंदूओ से दिखावा नही चाहिए श्रद्धालुओं के लिए श्रद्धा होती तों संभल जैसे मुआवजे का ऐलान करते,एकतरफा प्रेम है आपका जिसमे सनातनियों के लिए कोई जगह नही है ,जातियों में बाँट उन्हें वोट बनाना है आपका काम चाहे उसके लिए कितनी भी चोट आस्था में पहुचाने पड़े । योगी सरकार कहे कुछ भी भगदड़ नही होनी चाहिए थी ,तिल का ताड़ बनाने की पूरी संभावना थी और हो भी वही रहा है, एक -एक जान अमूल्य है,हिन्दू अस्मिता के इस कार्य के कर्णधार है,हिंदुत्व का अलख जगाया है ,आपने इसलिए सबकों खटक रहे,जों अपने घर की शादी में फूफा नही संभाल सकते वों कुंभ की व्यवस्था पर ज्ञान दे रहे,सभ्य सहिष्णु,गंगा जमुनी ,तहजीब के पैरोकार ,भाईचारे के रंग में सिर से पैर तक रंगे लोगों का समूह अपनी जलालत का परिचय दे रहा ,महाकुंभ हादसे पर हसते इमोजी लगा अपनी विध्वंसक ,ह्रदयविहीन हरकतों से बता रहा की उन्हें सनातनियों से बेवजह अदावत है,इन हसते इमोजियो पर किसी नेता का बयान नही आया ,शायद यही धर्मनिरपेक्षता होंगी ? ,हिन्दुओं की परम्पराओं का अपमान, मौत पर भी अपमान,सनातनी परम्पराओं से योगी कों लगाव है ,अश्रु उसका प्रमाण है ,वरना हादसे तों हर कुंभ में हुए पर तब ना कोई योगी था ,ना उसे सनातनियों से वैसा लगाव था,हादसे के बाद भी आस्था डिगी नही, महाकुंभ अनवरत जारी है,समागम भव्य दर्शनी संस्कारी है,आस्थाओं के साथ भावनाओं कों अपमानित करने की नई कवायद विपक्षी नेताओं की धराशाई होंगी,कुंभ दिव्य से दिव्यतम होंगा ,भव्यता दिव्यता,अलौकिकता अतुलनीय होंगी ------------------------------------कमान योगी के हाथों में है- योग ही योग होगा
चोखेलाल
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मुखिया के मुखारी में व्यवस्था पर चोट करती चोखेलाल
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