स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल का कांग्रेस कों कटाक्ष- केवल परिवारवाद और पैसा

स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल का कांग्रेस कों कटाक्ष- केवल परिवारवाद और पैसा

रायपुर : छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने नगरीय निकाय चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जबर्दस्त असंतोष, नेतृत्व में ऊहापोह और परिवारवाद के चलते हो रही बगावत पर कटाक्ष करते हुए कहा है कि कांग्रेस में केवल परिवारवाद और पैसा चल रहा है। कांग्रेस के वर्तमान महापौर प्रत्याशियों के खिलाफ भारी रोष देखने को मिल रहा है।

जायसवाल ने आज अपने बयान में कहा कि कांग्रेस में परिवारवाद इस कदर हावी हो गया है कि राजधानी रायपुर में पहले महापौर व सभापति प्रमोद दुबे रहे और अब उनकी पत्नी दीप्ति दुबे को महापौर प्रत्याशी बनाया गया है। इसी प्रकार पूर्व में किरणमयी नायक महापौर रहीं और अब उनके देवर प्रमोद नायक को बिलासपुर से टिकट दी गई है। निवृत्तमान महापौर एजाज ढेबर और उनकी पत्नी को अलग-अलग वार्ड से उम्मीदवार बनाया गया है। पहले चिरमिरी से पूर्व विधायक विनय जायसवाल की पत्नी कंचन जायसवाल महापौर थीं और अब विनय जायसवाल महापौर पद के उम्मीदवार हैं।

प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल ने चिरमिरी में महापौर पद के लिए घोषित कांग्रेस उम्मीदवार को लेकर मचे घमासान, असंतोष और बगावत की खबरों के परिप्रेक्ष्य में कहा कि यह केवल चिरमिरी ही नहीं, अपितु पूरे प्रदेश में यही स्थिति है जिसके मायने आईने की तरह साफ नजर आ रहे हैं कि कांग्रेस की हालत राजनीतिक तौर पर दयनीय हो चली है और कांग्रेस अपने ही बोझ से दबी जा रही है।

जायसवाल ने कहा कि चिरमिरी से महापौर प्रत्याशी बनाए गए विनय जायसवाल वही पूर्व विधायक हैं, जिन्होंने पिछले विधानसभा चुनाव के नतीजों के सामने आने के बाद अपनी ही पार्टी के केंद्रीय नेता चंदन यादव को 7 लाख रुपये देने का खुलासा किया था और अपनी पार्टी पर टिकटों की खरीदी बिक्री का आरोप लगाया था। इस खुलासे के बाद जायसवाल निष्कासित कर दिए गए थे।अब विनय जायसवाल को बताना चाहिए कि उनका निष्कासन कितने रुपए में रद्द हुआ और उन्हें टिकट कितने रुपए में मिली है?

जायसवाल ने कहा कि विनय जायसवाल पिछली कांग्रेस सरकार में विधायक रहते पूरी तरह से नाकाम साबित हुए, इसीलिए उन्हें विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं दी गई थी और अब उन्हें बड़ी रकम देकर महापौर की टिकट दे दी गई है। जनता यह बात अच्छी तरीके से जानती है कि पैसे के दम पर राजनीति करने वाले ऐसे लोग जनता के सेवक कभी नहीं हो सकते। कांग्रेस के कई लोगों ने चुनाव बहिष्कार तक का ऐलान कर दिया है। कई लोगों ने पार्टी भी छोड़ दी है।

 






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