नई दिल्ली : देश की केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से कल यानी कि 1 फरवरी, 2025 को बजट प्रस्तुत करने जा रही हैं। इस साल, वित्त मंत्री अपना आठवां बजट पेश करने जा रही हैं। हालांकि, भारतीय इतिहास में दो मंत्री ऐसे भी रहे हैं, जिन्हें यह मौका नहीं मिल पाया। वे संसद में बजट पेश नहीं कर पाए थे। क्या थी इसके पीछे की वजह? आइए जानते हैं इसके बारे में डिटेल में सब कुछ। साथ ही केंद्रीय Budget से जुड़े कुछ अन्य फैक्ट्स।
आमतौर पर देश में वित्तमंत्री की ओर से केंद्रीय बजट पेश करने की परंपरा है, लेकिन स्वतंत्र भारत के इतिहास में आज तक दो वित्त मंत्री एचएन Bahguna और केसी Neogy ऐसे रहें हैं, जिन्होंने बजट भाषण नहीं दिया था। उन्हें यह मौका नहीं मिल पाया था। ऐसा बताया जाता है कि, वे बहुत कम समय के लिए अपने कार्यालय में रहे हैं। एचएन ने साल 1979-80 में केवल साढ़े पांच महीने के लिए कार्यालय संभाला, जबकि केसी, जो भारत के दूसरे वित्त मंत्री थे, उन्होंने महज 35 दिनों के लिए इस पद को संभाला था और इस वजह से भी उन्हें यह अवसर नहीं मिल पाया था।
- रिपोर्ट्स में कहा जाता है कि साल 1950 में संसद में बजट पेश होने से पहले ही लीक हो गया था, उस वर्ष जॉन मथाई वित्त मंत्री थे। इस घटना के बाद मंत्री ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
अर्थशास्त्री जेम्स विल्सन ने 7 अप्रैल, 1860 को भारत का पहला बजट पेश किया था।
- सबसे लंबे बजट भाषण का रिकॉर्ड डॉ. मनमोहन सिंह के नाम दर्ज है। डॉ. सिंह ने साल 1991 में 18,604 शब्दों वाला लंबा बजट पेश किया था। साल 2018 में, पूर्व वित्तमंत्री अरुण जेटली का भाषण भी काफी लंबा रहा था। उन्होंने उस वक्त करीब 18,604 शब्दों वाला स्पीच पेश किया था।
- आजादी के बाद 28 फरवरी 1948 को देश का पहला वार्षिक बजट पेश किया गया था। यह तत्कालीन वित्त मंत्री आर के Shanmukham चेट्टी ने प्रस्तुत किया था।
– साल 1999 तक, भारत का बजट फरवरी के आखिरी कार्य दिवस पर शाम 5 बजे घोषित किया जाता था। हालांकि, उस समय अटल बिहारी वाजपेई के नेतृत्व वाली सरकार में वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने इसका समय बदलकर सुबह 11 बजे कर दिया था।
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