कस्टम मिलिंग घोटाला मामले में EOW ने विशेष कोर्ट में आरोपी मनोज सोनी और रोशन चंद्राकर के खिलाफ 3500 पन्नों की चार्जशीट की दाखिल

कस्टम मिलिंग घोटाला मामले में EOW ने विशेष कोर्ट में आरोपी मनोज सोनी और रोशन चंद्राकर के खिलाफ 3500 पन्नों की चार्जशीट की दाखिल

रायपुर :  छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित कस्टम मिलिंग घोटाला मामले में आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ EOW ने आज राजधानी रायपुर स्थित विशेष कोर्ट में मार्कफेड के पूर्व MD मनोज सोनी और राइस मिलर्स एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष रोशन चंद्राकर के खिलाफ 3500 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है। दोनों आरोपी अभी न्यायिक हिरासत में हैं और मामले की जांच जारी है।

क्या है कस्टम मिलिंग घोटाला?

ED ने कस्टम मिलिंग स्कैम में मार्कफेड के पूर्व MD मनोज सोनी सहित 5 पर FIR दर्ज कराई है। आरोप है कि 140 करोड़ रुपए की अवैध वसूली की गई। इसमें अफसरों से लेकर मिलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारी तक शामिल हैं। अलग-अलग राइस मिलर्स के द्वारा नागरिक आपूर्ति निगम और एफसीआई में कस्टम मिलिंग का चावल जमा किया जाता है। इस प्रक्रिया में भ्रष्टाचार कर प्रति क्विंटल के हिसाब से अवैध राशि की वसूली की गई। जांच में पता चला है कि एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष रोशन चंद्राकर लेवी वसूलते और अफसरों को जानकारी देते। जिनसे रुपए नहीं मिलते उनका भुगतान रोक दिया जाता।

अक्टूबर 2023 को ED ने मारा था छापा

20 अक्टूबर 2023 को ED ने छापा मारा था। ED ने अपने ऑफिशियल X अकाउंट पर लिखा कि, 20-21 अक्टूबर को मार्कफेड के पूर्व MD, छत्तीसगढ़ राइस मिलर्स संगठन के कोषाध्यक्ष और कुछ सदस्यों, राइस मिलर्स और कस्टम मिलिंग से जुड़े लोगों के घर पर जांच की गई। चावल घोटाले से जुड़ी इस जांच में कई संदिग्ध दस्तावेज, डिजिटल डिवाइस और 1 करोड़ 6 लाख कैश मिला। ED ने इनकम टैक्स की शिकायत के आधार पर जांच शुरू की। इस जांच के बाद ED की स्थानीय टीम ने प्रतिवेदन दिया और उसके बाद एफआईआर हुई।

फोर्टिफाइड राइस के भुगतान पर भी वसूली का आरोप

राइस मिलर्स ने फोर्टिफाइड राइस का भुगतान करने पर पैसे मांगने का आरोप लगाया था। उनके अनुसार, केंद्र सरकार ने PDS के जरिए गरीबों को दिए जाने वाले अनाज की पौष्टिकता बढ़ाने के लिए फोर्टिफाइड राइस की मात्रा बढ़ाने का आदेश दिया था। सरकार के आदेश के मुताबिक, FCI और नागरिक आपूर्ति निगम में जमा होने वाले चावल में फोर्टिफाइड राइस होना चाहिए। 99 किलो सामान्य चावल का पैमाना तय किया गया था। आरोप है कि इसमें कमीशनखोरी और घूसखोरी का खेल चला।






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