वर्तमान में किसान मेहनत और अपनी अक्ल से खेती कर आर्थिक रूप से सशक्त हो रहा है. कभी जिस बलुई मिट्टी को कम उपजाऊ कहा जाता था, वही बलुई मिट्टी अब किसान की समृद्धि का जरिया बन गई है. इस जमीन पर राजमा की बंपर खेती कर किसान खुद को खुशहाल बना रहे हैं.
इसके अलावा किसान परंपरागत खेती को एक नई दिशा भी दे रहे हैं. बाजार में राजमा की डिमांड बुहत अच्छी डिमांड भी हो रही है. जिससे क्षेत्र के किसान अब आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहे हैं. तभी तो किसान अब दूसरी फसलों के साथ-साथ राजमा की खेती को और विस्तार देने की योजना तैयार कर रहे हैं. यहां पर किसानों ने यह बात को साबित कर दी है कि अगर सही दिशा में आधुनिक तकनीक का प्रयोग कर मेहनत की जाए तो उन्नत खेती कर किसान समृद्ध बन सकते हैं.
ऐसे करें बलुई मिट्टी में राजमा की खेती
पहले बलुआही मिट्टी में पारंपरिक फसलें जैसे- गेहूं, मक्का और धान की होता था, लेकिन, कम उपज और घटते मुनाफे के कारण किसानों को इन फसालों से नुकसान होने लगा. तब किसानों ने विशेषज्ञों की सलाह और नए प्रयोगों के साथ समन्वय बिठाकर बलुई जमीन में राजमा की खेती करना शुरू किया. यह प्रयोग सफल तो हुआ ही, इससे किसानों को बहुत बेहतर मुनाफा भी हुआ.
बाजार में है 8500 से 10 हजार रुपये क्विंटल का भाव
पिछले काफी दिनों से राजमा की गुणवत्ता के कारण बाजार में मांग बढ़ गई है. साथ ही राजमा की सब्जी सरकारी विद्यालयों में स्कूली बच्चों को भी खिलाई जाने लगी है. स्थानीय बाजार के साथ इसे राज्य के बाहर भी भेजा जा रहा है. तभी तो व्यापारी अच्छी कीमत पर इसे खरीदने के लिए गांव पहुंच रहे हैं. खुले बाजार में इसकी कीमत करीब 8500 से 10,000 रुपये प्रति क्विंटल है.
कृषि विभाग के अधिकारियों ने भी किसानों को राजमा की खेती के लिए प्रोत्साहित किया. उन्होंने मिट्टी परीक्षण, बीज वितरण और खेती के आधुनिक तरीकों पर प्रशिक्षण दिया. उसी का परिणाम है कि किसान आधुनिक खेती कर राजमा से अच्छी कमाई कर रहे हैं.
ज्यादा मुनाफा लेना है तो करें राजमा की खेती
यह बात बिल्कुल सही है कि राजमा की खेती पारंपरिक खेती की तुलना में ज्यादा मुनाफा देती है. जिन किसानों ने पिछले वर्ष में 2 बीघा खेत में राजमा लगाया और करीब 80,000 रुपये का नेट मुनाफा कमाया. बलुई मिट्टी में राजमा की पैदावार बहुत ही अच्छी होती है. इसमें सिंचाई की जरूरत भी कम होती है.
किसान भाई इसे अपना कर आर्थिक रूप से मजबूत हो सकते हैं. राजमा की खेती को सफल बनाने के लिए किसानों ने आधुनिक तकनीकों का सहारा लिया और इससे वह समृद्ध बन गए. उच्च गुणवत्ता वाले बीज, जैविक खाद और सिंचाई के लिए ड्रिप एरिगेशन सिस्टम का प्रयोग किसान कर रहे हैं.
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