महाकुंभ : आ गए हैं अवध बिहारी, अब आएंगे कृष्ण मुरारी…। यह नारा शनिवार को महाकुंभ नगरी से बुलंद हुआ। श्री रुक्मणि विदर्भ पीठ के पीठाधीश्वर जगद्गुरु स्वामी राजेश्वरी माऊली सरकार के पंडाल में मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि की मुक्ति पर मंथन हुआ। साधु-संतों ने श्रीकृष्ण मंदिर निर्माण के लिए गांव-गांव आंदोलन शुरू करने का फैसला लिया। 11 सदस्यीय कमेटी बनाने पर सहमति बनी है। संतों ने कहा कि मंदिर की जमीन से मस्जिद को हटवाकर भव्य निर्माण कराएंगे। इधर, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ परिवार के साथ महाकुंभ पहुंचे। उन्होंने सिर पर शिवलिंग रखकर संगम में डुबकी लगाई। योगी भी उनके साथ संगम घाट तक गए। आज 77 देशों के 118 डेलिगेट्स ने भी संगम में स्नान किया। उधर, मेला क्षेत्र में एक नागा साधु भड़क गया।
इस दौरान उसने एक सिपाही के साथ बदसलूकी की। नागा साधु ने सिपाही को डंडे से पीट दिया। महाकुंभ में हुई भगदड़ के चौथे दिन CM योगी वहां पहुंचे, जहां भगदड़ हुई थी। कुंभ मेला अधिकारी विजय किरण आनंद से घटना की वजह पूछी। करीब 10 मिनट तक योगी वहां रुके। अफसरों से सवाल किए। महाकुंभ में मौनी अमावस्या (28 जनवरी) की देर रात करीब 1:30 बजे संगम नोज इलाके में भगदड़ हुई थी। सरकार के मुताबिक, हादसे में 30 की मौत हुई। 60 लोग घायल हैं। महाकुंभ का शनिवार को 20वां दिन है। रात 8 बजे तक 2.15 करोड़ श्रद्धालुओं ने स्नान किया। 13 जनवरी से अब तक 33.61 करोड़ से ज्यादा लोग संगम में डुबकी लगा चुके हैं।
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