रायपुर - नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव अभी जोरों पर चल रहा है। और चुनाव लड़ने हेतु बकायादारों ने भी बकायदा नया पैंतरा शुरू कर दिया है जिस सरपंच का नाम बकायादारों में है और उनके नाम से अदेय प्रमाण पत्र नहीं मिल पाने के चलते कोई अपने पत्नी तो कोई अपने बहु बेटे के नाम से अदेय प्रमाण पत्र हासिल कर चुनावी मैदान में उतर चुके हैं। वहीं चुनाव के शर्तें और नियमावली में यह कहा गया है कि सरपंच पद के प्रत्याशियों को नामांकन फार्म के साथ जनपद पंचायत एवं पंचायत से अदेय प्रमाण पत्र संलग्न करना होगा जिसके बाद उनका नामांकन फार्म स्वीकार किया जाएगा। जिस पर कुछ बकाया दार प्रत्याशियों ने अपने नाम पर अदेय प्रमाण पत्र पंचायत और जनपद से नहीं मिल पाने पर अपने पत्नी और बहु व बेटे के नाम पर अदेय प्रमाण पत्र हासिल कर दावेदारी प्रस्तुत किए हैं।
जबकि हम सरपंच चुनाव के प्रशासनिक निर्देश को देखें तो कर्जदार एवं उनके आश्रितों को अदेय प्रमाण पत्र कर्ज पटाने के बाद दिये जाने का निर्देश है। वहीं उनके आश्रितों को अदेय प्रमाण पत्र जारी किए जाने के संबंध में संबंधित अधिकारियों के द्वारा आपत्ति कर्ताओं को सही जवाब नहीं मिल पाने से आपत्ति कर्ताओं के द्वारा प्रशासनिक अधिकारियों के कार्य प्रणाली पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं।
यह मामला गरियाबंद जिले के तीन पंचायतों से निकल कर सामने आ रही है। और ऐसे में प्रशासन अपने बकायादारों से कैसे वसुली कर पायेगी, वहीं ये प्रशासनिक नियमों की अवहेलना भी होगी,अब आने वाले दिनों में यह देखना होगा कि चुनाव के जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारी इस पर क्या जवाब देंगे।
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