रायपुर : छत्तीसगढ़ की बीजेपी सरकार ने वर्ष 1992 बैच के आईपीएस ऑफिसर अरुणदेव गौतम को प्रदेश का नया पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) नियुक्त किया है। वे वर्ष 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी अशोक जुनेजा की जगह लेंगे। निवर्तमान डीजीपी का कार्यकाल तीन फरवरी को खत्म हो गया है। इस संबंध में गृह विभाग ने आदेश जारी कर दिया है।
अरुण देव गौतम अनुभवी आईपीएस अधिकारी हैं। वो छत्तीसगढ़ पुलिस में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य कर चुके हैं। वे अपने सख्त प्रशासन कार्यवाही और अपराध नियंत्रण करने के लिए जाने पहचाने जाते हैं। मौजूदा दौर में उनकी प्राथमिकता राज्य में क्राइम को कम करना, कानून व्यवस्था को मजबूत बनाना और पुलिसिंग सुधार होंगे।
डीजीपी के पद पर पूर्ण नियुक्ति से पहले आईपीएस अरुण देव गौतम को नई जिम्मेदारी सौंपी गई है। हालांकि नए डीजीपी के नाम पर केंद्र सरकार से मुहर लगने के बाद औपचारिक तौर पर नए डीजीपी की घोषणा की जाएगी। ऐसे में माना जा सकता है कि अरुण देव की ही पूर्णकालिक डीजीपी के तौर ताजपोशी होगी।
जानें कौन हैं अरुणदेव गौतम
किसान परिवार में पले बढ़े अरुण देव गौतम उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले के अभयपुर गांव के रहने वाले हैं। उनका जन्म 2 जुलाई 1967 को हुआ था। उन्होंने आठवीं तक अपने गांव के ही सरकारी स्कूल से शिक्षा ली। इसके बाद आगे की पढ़ाई के लिये अपने बड़े भाई के पास प्रयागराज आ गए। राजकीय इंटर कॉलेज इलाहाबाद से दसवीं और बारहवीं की शिक्षा ली। इसके बाद इलाहाबाद विश्वविद्यालय में एडमिशन लिया। वहां से बीए और राजनीति में एमए किया। इसके बाद जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी नई दिल्ली से अंतरराष्ट्रीय कानून में एमफिल की डिग्री ली। फिर पीएचडी की। यूपीएससी परीक्षा में पहली बार असफल होने के बाद दूसरे प्रयास में आईपीएस ऑफिसर बने।
सात जिलों में रह चुके हैं एसपी
1992 बैच के आईपीएस अरुण देव गौतम 12 अक्टूबर 1992 को आईपीएस सर्विस ज्वॉइन की। उन्हें पहले मध्य प्रदेश कैडर एलॉट हुआ था। प्रशिक्षु आईपीएस के तौर पर उनकी जबलपुर में पोस्टिंग हुई। इसके बाद बिलासपुर के सीएसपी बने। फिर एसडीओपी कवर्धा और भोपाल के एडिशनल एसपी बने। एमपी में 23वीं बटालियन के कमांडेंट के रूप में भी सेवायें दी। एसपी के रूप में उनका पहला जिला राजगढ़ रहा।
जानें उनका प्रशासनिक सफर
वर्ष 2000 में छत्तीसगढ़ बनने पर अरुण देव गौतम ने छत्तीसगढ़ कैडर चुना। यहां के कोरिया, रायगढ़, जशपुर, राजनांदगांव, सरगुजा और बिलासपुर जिले के एसपी रहे। डीआईजी बनने के बाद वे पुलिस हैडक्वाटर, सीआईडी, वित्त और योजना, प्रशासन और मुख्यमंत्री सुरक्षा के महत्वपूर्ण विभागों में पदस्थ रहे। वर्ष 2009 में राजनांदगांव में नक्सली हमले में 29 पुलिसकर्मियों और पुलिस अधीक्षक के शहीद होने के बाद अरुण देव गौतम को वहां का एसपी बनाया गया। जहां उन्होंने नक्सलियों से जमकर लोहा लिया। हमेशा चुनौतीपूर्ण जिलों में उन्हें भेजा गया। आईजी बनने के बाद छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल के प्रभारी रहे। फिर बिलासपुर रेंज के आईजी बने। झीरम नक्सली हमले में कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं के दिवंगत के बाद अरुण देव गौतम को बस्तर का आईजी नियुक्त किया गया। इसके बाद हुए विधानसभा चुनाव में उन्होंने शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव संपन्न करवाया।
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