रायपुर : छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन (CGMSC) में करोड़ों रुपये के घोटाले की जांच और तेज हो गई है. अब इस जांच के घेरे में प्रदेश के 3 आईएएस अधिकारी भी आ गए हैं. तीनों को ACB-EOW ने समन जारी कर दिया है. सीजीएमएससी घोटाले को लेकर अब इन अधिकारियों से पूछताछ की जाएगी. मिली जानकारी के मुताबिक एसीबी-ईओडब्ल्यू ने आईएएस अधिकारी भीम सिंह, चंद्रकांत वर्मा और सीजीएमएससी की एमडी पद्मिनी भोई को पूछताछ के लिए बुलाया है.
सीजीएमएससी घोटाले के आरोपी मोक्षित कॉर्पोरेशन के डायरेक्टर शशांक चोपड़ा को ईओडब्ल्यू की स्पेशल कोर्ट ने 6 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है. 10 फरवरी तक शशांक चोपड़ा ईओडब्ल्यू की रिमांड में रहेगा. पुलिस ने 7 दिन की रिमांड पूरी होने के बाद शशांक को कोर्ट में पेश किया था.
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों पर भी मामला दर्ज
EOW ने अपनी एफआईआर में स्वास्थ्य महकमे के आला अधिकारियों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है. एफआईआर में स्वास्थ्य संचालक और सीजीएमएससी की एमडी पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं. एफआईआर के बाद यह माना जा रहा है कि जांच की जद में अब कई आला अफसर आ सकते हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस घोटाले में शामिल कुछ लोगों की जल्द गिरफ्तारी भी हो सकती है. ईओडब्ल्यू की शुरुआती जांच में सामने आया है कि दवा खरीदी के नाम पर अफसरों की मिलीभगत से सरकार को अरबों रुपये की चपत लगाई गई.
जानें क्या है पूरा मामला
ऑडिट टीम ने CGMSC की दवा सप्लाई और उपकरण को लेकर साल 2022-24 और 2023-24 के दस्तावेज को खंगाला. तब सामने आया कि बना बजट के 660 करोड़ रुपये की खरीदी की गई थी. जांच में ऑडिट टीम ने इसे पकड़ लिया. फिर सामने आया कि पिछले कई सालों में जरूरत से ज्यादा केमिकल खरीदे गए. इतना ही नहीं मेडिकल उपकरण को खपाने के लिए नियम कानून की अनदेखी की गई. जिस अस्पताल में दवा और मशीन की जरूरत नहीं थी, वहां भी सप्लाई कर दिया गया. ऐसा 700 से ज्यादा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में किया गया था. हाल ही में एसीबी और ईओडब्ल्यू की टीम ने छत्तीसगढ़ मेडिकल कॉर्पोरेशन में हुई गड़बड़ी के मामले में रायपुर, दुर्ग समेत कई जिलों में गवर्मेंट सम्पलायर मोक्षित कॉरपोरेशन के ठिकानों पर दबिश दी थी. इस दौरान शशांक चोपड़ा, सिद्धार्थ चौपड़ा और उनके भाइयों के ठिकानों पर छापेमार कार्रवाई की थी. इस दौरान टीम को कई अहम दस्तावेज भी मिले थे.
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