रायपुर: छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ बोर्ड ने प्रदेशभर में वक्फ संपत्तियों का सर्वेक्षण प्रारंभ कर दिया है। इस पहल के तहत राज्य के समस्त मुतवल्लियों एवं इंतजामिया कमेटियों को निर्देश दिया गया है कि वे सात दिनों के भीतर वक्फ बोर्ड के नाम पर पंजीकृत सभी संपत्तियों का विस्तृत विवरण प्रस्तुत करें। प्राप्त जानकारी को डिजिटल रूप में संग्रहीत कर केंद्रीय सर्वर पर अपलोड किया जाएगा।
वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सलीम राज ने इसे मुस्लिम समाज के व्यापक हित में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम बताया है। उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया न केवल पारदर्शिता बढ़ाएगी बल्कि जरूरतमंद समुदायों को लाभान्वित करने में भी सहायक सिद्ध होगी।
किन संपत्तियों का होगा सर्वेक्षण?
इस सर्वेक्षण के अंतर्गत निम्नलिखित प्रकार की वक्फ संपत्तियां शामिल की जाएंगी:
इसके अतिरिक्त, संबंधित राजस्व अभिलेखों जैसे वक्फनामा, हिबानामा, वक्फ डीड एवं नजूल शीट की प्रतियां भी वक्फ बोर्ड को प्रस्तुत करनी होंगी।
सात दिनों के भीतर जानकारी प्रस्तुत करने का निर्देश
राज्य वक्फ बोर्ड ने मुतवल्लियों को सात दिनों के भीतर संपत्तियों की पूरी जानकारी देने के निर्देश जारी किए हैं। इसके लिए मस्जिदों में शुक्रवार की नमाज के उपरांत घोषणा कराने का आदेश दिया गया है, ताकि समुदाय के अन्य लोग भी यदि किसी संपत्ति की जानकारी रखते हैं, तो उसे वक्फ बोर्ड तक पहुंचा सकें।
क्यों पड़ी सर्वे की जरूरत?
एक महत्वपूर्ण प्रश्न यह है कि जब वक्फ संपत्तियां अल्लाह के नाम पर समर्पित की जा चुकी हैं, तो उनकी पूरी जानकारी वक्फ बोर्ड के पास क्यों नहीं होती? इस संबंध में वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सलीम राज ने बताया कि कई मुतवल्लियों द्वारा वक्फ संपत्तियों का दुरुपयोग किया गया है।
संपत्तियों में अनियमितताएं और गड़बड़ियां
कुछ मुतवल्लियों ने केवल चुनिंदा संपत्तियों की जानकारी वक्फ बोर्ड को दी, जबकि अन्य संपत्तियों को निजी संपत्ति की भांति उपयोग किया। वही कुछ मामलों में वक्फ संपत्तियों को अवैध रूप से बेच दिया गया। इस प्रकार की गड़बड़ियों के कारण कई मुतवल्लियों के विरुद्ध प्राथमिकी (FIR) दर्ज की गई हैं।
डॉ. सलीम राज ने कहा कि इस सर्वेक्षण के परिणामस्वरूप वक्फ संपत्तियों का पूरा विवरण ऑनलाइन उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे पारदर्शिता बढ़ेगी। इसके अतिरिक्त, वक्फ बोर्ड को अधिक वित्तीय संसाधन प्राप्त होंगे, जिनका उपयोग समाज के गरीब, विधवा एवं जरूरतमंद व्यक्तियों की सहायता के लिए किया जाएगा।
सख्त कार्रवाई का प्रावधान
इस निर्देश को व्हाट्सएप समूहों के माध्यम से भी मुतवल्लियों तक पहुंचाया गया है। साथ ही, शीघ्र ही सभी जिलों के कलेक्टरों को भी इस संबंध में आवश्यक निर्देश जारी किए जाएंगे। यदि कोई मुतवल्ली वक्फ संपत्तियों की जानकारी छिपाने का प्रयास करता है और यह तथ्य वक्फ बोर्ड के संज्ञान में आता है, तो संबंधित संपत्ति को शत्रु संपत्ति घोषित कर राजसात करने की कार्रवाई की जाएगी।
इस तरह बोर्ड ने वक्फ संपत्तियों का यह सर्वेक्षण प्रदेश में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इसके माध्यम से वक्फ संपत्तियों का उचित प्रबंधन संभव होगा और मुस्लिम समाज के जरूरतमंद वर्गों को अधिक से अधिक लाभ प्राप्त हो सकेगा।
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