धमतरी : धमतरी नगर निगम के कांग्रेस के महापौर प्रत्याशी विजय गोलछा के नामांकन रद्द किए जाने के निर्णय के खिलाफ दायर की गई याचिका को उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया है। इस मामले में भाजपा ने कांग्रेस पर निशाना साधा है। छत्तीसगढ़ बीजेपी के चुनाव आयोग सम्पर्क समिति के प्रदेश प्रभारी डॉ.विजयशंकर मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस जिस मुद्दे को लेकर भाजपा व प्रदेश सरकार के खिलाफ अनर्गल प्रलाप करके अपनी हताशा और तिलमिलाहट को ढँकने में लगी थी, उस मुद्दे पर दायर याचिका को उच्च न्यायालय ने प्रचलन योग्य ही नहीं माना।
उन्होंने कहा कि कायदे-कानून की दुहाई देने वाले बघेल पहले यह तो बताएं कि प्रशासन द्वारा अनुमति नहीं दिए जाने के बाद भी उनकी मौजूदगी में बिलासपुर में कांग्रेस ने चुनाव प्रचार करने के लिए ट्रैक्टर रैली निकालकर क्या कायदे-कानून का सम्मान किया है? कांग्रेस की यह आदत बन चुकी है कि जब भी उसे किसी निर्णय का सामना करना पड़ता है, वह उसकी वैधता पर सवाल उठाने की कोशिश करती है, बजाय इसके कि वह उस फैसले को सम्मान दे। यह कांग्रेस की अपनी विफलता को छुपाने का एक और प्रयास है।
मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस की यही नियति हो चली है कि वह हर मुद्दे पर झूठ फैलाकर अपने राजनीतिक वजूद को येन-केन-प्रकारेण बचाने की जद्दोजहद करे और न्यायालय में जाकर मुँह की खाए। अब पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत कांग्रेस के नेता प्रदेश की भाजपा सरकार पर सत्ता के दुरुपयोग व लोकतंत्र की हत्या जैसे प्रलाप करने से बाज आये। क्योंकि यह वही कांग्रेस है जिसने अतीत में न जाने कितनी बार लोकतंत्र की हत्या की है। कांग्रेस ने हमेशा मिथ्या प्रलाप करके प्रदेश को बरगलाने की कोशिश की है, लेकिन हर बार उसे न्यायालय में जाकर मुँह की खानी पड़ी है। भाजपा चुनाव आयोग सम्पर्क समिति के प्रदेश प्रभारी ने कहा कि धमतरी महापौर निर्वाचन-2025 के लिये भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उम्मीदवार विजय गोलछा का नॉमिनेशन फॉर्म अधिनियम की धारा 17 के अंतर्गत रिटर्निंग अधिकारी (धमतरी) द्वारा निगम में ठेकेदारी कार्य में उम्मीदवार के संलग्न होने के कारण निगम का प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष लाभार्थी होने के कारण निरस्त किया गया था। इसे लेकर बघेल समेत तमाम कांग्रेस नेता एक सुर में प्रदेश की भाजपा सरकार पर सत्ता के दुरुपयोग, लोकतंत्र की हत्या का आरोप लगाकर भाजपा नेताओं के खिलाफ ओछे दर्जे की टिप्पणियाँ करते प्रदेशभर में घूम रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इस मामले में विजय गोलछा द्वारा उचच न्यायालय के समक्ष याचिका डब्ल्यू पी (सी) क्र. 771/2025 प्रस्तुत की गई थी। उत्तरवादी छत्तीसगढ़ शासन के अतिरिक्त आपत्तिकर्ता भाजपा उम्मीदवार जगदीश (रामू) रोहरा का पक्ष अधिवक्ता अखिलेश कुमार द्वारा प्रस्तुत किया गया। न्यायमूर्ति विभु दत्त गुरु ने सुनवाई उपरांत विजय गोलछा द्वारा प्रस्तुत याचिका को प्रचलन योग्य न मानते हुए उसे इस आधार पर निरस्त किया कि निर्वाचन प्रक्रिया प्रारंभ होने के उपरांत नॉमिनेशन पेपर रद्द किए जाने के विषय को केवल चुनाव याचिका में ही चुनौती दी जा सकती है।
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