तमिलनाडु : तमिलनाडु में दो लोगों ने कथित तौर पर चार महीने की गर्भवती महिला का यौन उत्पीड़न किया और फिर उसे चलती ट्रेन से बाहर फेंक दिया. इस भयावह घटना से राज्य में गुस्सा फैल गया और विपक्ष व सत्तारूढ़ डीएमके के बीच राजनीतिक विवाद भी पैदा हो गया. पुलिस ने इस मामले में एक व्यक्ति को हिरासत में लिया है.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक महिला आंध्र प्रदेश के चित्तूर जा रही थी, जब शुक्रवार तड़के ट्रेन तिरुपत्तूर जिले के जोलारपेट्टई से गुजर रही थी. महिला वॉशरूम जा रही थी, तभी दो लोगों ने उस पर हमला कर दिया. महिला मदद के लिए चिल्लाई और वॉशरूम की तरफ भागी, लेकिन उन लोगों ने उसका पीछा किया और उसे वेल्लोर जिले में कोम्बैटोर-तिरुपति इंटरसिटी एक्सप्रेस से बाहर धकेल दिया.
कार्रवाई हुई शुरू
महिला के हाथ और पैर में फ्रैक्चर हो गया और उसके सिर में भी चोटें आईं. उसे वेल्लोर के जिला सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां उसका इलाज चल रहा है. महिला कोयंबटूर में एक परिधान कंपनी में काम करती थी. जोलारपेट्टई पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने भी मामले की जांच शुरू कर दी है. अपराधियों की पहचान के लिए सीसीटीवी फुटेज की जांच भी की जा रही है.
इस मामले में हेमराज नामक एक व्यक्ति को पुलिस ने हिरासत में लिया और पूछताछ के लिए ले गई. पुलिस के मुताबिक हेमराज आदतन अपराधी है और उसका पीछे भी क्रिमिनल रिकॉर्ड रहा है.
एआईएडीएमके ने सरकार को घेरा
इस घटना को लेकर डीएमके के नेतृत्व वाली राज्य सरकार की आलोचना करते हुए, एआईएडीएमके महासचिव एडप्पादी के पलानीस्वामी ने कहा,'एक गर्भवती महिला के साथ दो लोगों के ज़रिए यौन उत्पीड़न किए जाने और फिर जब उसने चीखने की कोशिश की तो उसे ट्रेन से धक्का दे दिए जाने की खबर चौंकाने वाली है.
स्कूल-कॉलेज के बाद ट्रेन में भी महिलाएं असुरक्षित
यह शर्म की बात है कि तमिलनाडु में महिलाएं सड़क पर सुरक्षित नहीं चल सकती हैं; स्कूल, कॉलेज या दफ्तर नहीं जा सकती हैं और अब ट्रेन से यात्रा भी नहीं कर सकती हैं.' उन्होंने कहा,'इस तरह के अत्याचारों का जारी रहना महिलाओं की सुरक्षा करने में राज्य सरकार की नाकामी को साबित करता है और मुजरिमों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की अपील की.
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