जशपुर : पीएलएफआई नक्सली संगठन का लेटरपैड एवं फिलीपींस देश का एरिया कोड इस्तेमाल कर व्हाट्सअप से 1 करोड़ रुपये की फिरौती मांगने के एक आरोपी को पुलिस ने आज गिरफ्तार किया है। दूसरा फरार है।
पुलिस के अनुसार मामला इस प्रकार है कि 21 जनवरी को थाना बगीचा में एक 59 वर्षीय शासकीय विभाग के लेखापाल ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि उक्त दिनांक के प्रातः 8 बजे इसके मोबाईल में व्हाट्सअप पर पी.एल.एफ.आई. नक्सली संगठन के पार्टी अध्यक्ष द्वारा फिलीपींस देश का एरिया कोड का इस्तेमाल कर एक पत्र भेजा गया है जिसमें 01 करोड़ रूपये नक्सली संगठन को राशि प्रदाय करने हेतु लेख किया गया है। उक्त राशि नहीं दिये जाने पर धमकी देकर प्रार्थी को कार्यवाही करने की धमकी दी गई है।
प्रार्थी की उक्त रिपोर्ट पर अज्ञात आरोपी के विरूद्ध भारतीय न्याय संहिता की धारा 308(3), 351 (2) एवं छ.ग. विशेष जन सुरक्षा अधिनियम् की धारा 8(1), 8(5) के तहत् अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। जशपुर जिले के एसएसपी शशि मोहन सिंह द्वारा इस अत्यंत संवेदनशील मामले में अज्ञात आरोपी के पतासाजी हेतु एसडीओपी बगीचा दिलीप कोसले के नेतृत्व में टीम गठित किया गया साथ में सायबर यूनिट को भी संलग्न किया गया।
पुलिस ने आईपी एड्रेस से ट्रेक किया
विवेचना दौरान पुलिस टीम द्वारा उक्त संदेही मोबाईल नंबर का तकनीकी विश्लेषण किया गया, उक्त मोबाईल को 'जंगी एप्प टर्बो वीपीएन का' इस्तेमाल कर हॉटस्पॉट से चलाना पाये जाने पर उसके आईपी एड्रेस को ट्रेक करने पर मान्दु जिला खूंटी (झारखंड) से संचालित होना पाया गया, टीम द्वारा तत्काल मौके पर जाकर घेराबंदी कर प्रकरण में मोबाईल इस्तेमाल करने वाले आरोपी पवन लोहरा को अभिरक्षा में लेकर थाना लाया गया। आरोपी के कब्जे से कुल 2 मोबाईल जब्त किया गया।
आरोपी पवन लोहरा से पूछताछ करने पर बताया कि वह अपने अन्य साथी के साथ मिलकर लोगों को नक्सली संगठन के नाम पर धमकी भरा लेवी मांगने वाला पत्र भेजता है, अभी तक लगभग 10 से 12 लोगों को भेजना बताया है। आरोपी के विरूद्ध अपराध सबूत पाये जाने पर उसे 7 फरवरी को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया है। प्रकरण का अन्य फरार आरोपी की पतासाजी की जा रही है।एसएसपी शशि मोहन सिंह द्वारा कहा गया है कि गिरफ्तार आरोपी पवन लोहरा से महत्वपूर्ण जानकारियां मिली है, नक्सली संगठन के नाम पर इनका तरीका वारदात सायबर फ्रॉड जैसा है, प्रकरण की बारीकी से विवेचना की जा रही है, सहआरोपी की पतासाजी की जा रही है।
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