दमिश्कः सीरिया और लेबनान में हाल की सैन्य गतिविधियां मिडिल ईस्ट में तनाव को बढ़ा रही हैं. राष्ट्रपति अहमद अल-शरा के नेतृत्व में सीरियाई सेना के लेबनान में घुसने के बाद स्थिति ने खतरनाक मोड़ लिया है. सीरियाई सेना ने लेबनान के हर्मल क्षेत्र में कदम रखा है, जहां हिज़्बुल्लाह लड़ाकों के साथ तेज संघर्ष की खबरें आ रही हैं.
गुरुवार को शुरू हुआ संघर्ष
यह संघर्ष गुरुवार सुबह शुरू हुआ जब सीरियाई सेना ने हिज्बुल्लाह के अल कुसैर शहर की ओर बढ़ने के प्रयास को नाकाम कर दिया. बशर अल-असद के शासन में हिज्बुल्लाह के लड़ाके सीरिया में मौजूद थे, लेकिन असद सरकार के गिरने के बाद उन्हें भागना पड़ा. इसके बावजूद, हिज्बुल्लाह ने सीरिया में फिर से अपनी पकड़ बनाने के प्रयास किए हैं, क्योंकि यह क्षेत्र उनके लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है. सीरिया, जो ईरान के लिए भी अहम है, को खोना ईरान के लिए अस्वीकार्य है, यही कारण है कि हिज्बुल्लाह सीरिया में अपनी सैन्य उपस्थिति के खिलाफ बार-बार संघर्ष कर रहा है.
लेबनान भागने को मजबूर हुआ था हिज्बुल्लाह
सीरियाई सेना ने हिज्बुल्लाह को भारी नुकसान पहुंचाया, जिससे हिज्बुल्लाह को लेबनान भागना पड़ा. हालांकि, स्थिति जल्दी ही और बिगड़ गई, और सीरियाई सेना ने हिज्बुल्लाह के खिलाफ तेज संघर्ष के बाद लेबनान के हाविक शहर में घुसपैठ की. यह क्षेत्रहिज्बुल्लाह द्वारा तस्करी के संचालन के लिए अक्सर इस्तेमाल किया जाता है. बताया जा रहा है कि पूरे दिन दोनों पक्षों के बीच गोलाबारी होती रही, जिसमें हल्के और मंझले हथियारों का उपयोग किया गया. सीरियाई सेना ने अल कुसैर के पास और हमले को रोकने के लिए मोर्टार शेल्स का भी इस्तेमाल किया.
इसके अलावा, लोकल मीडिया द्वारा जारी किए गए एक वीडियो में कुछ सीरियाई सैनिकों को हिज्बुल्लाह के द्वारा बंदी बनाए गए और उन पर यातना किए जाने के दृश्य दिखाए गए हैं. गवाहों के अनुसार, सीरियाई सैनिकों ने कई हिज्बुल्लाह लड़ाकों को बंदी बना लिया है. यह संघर्ष क्षेत्र के लिए एक खतरनाक मोड़ का संकेत है, क्योंकि दोनों पक्षों के बीच हिंसा बढ़ रही है और एक बड़ा संघर्ष पैदा होने की संभावना भी बन रही है.
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