बेशर्मी इतनी की राम के लिए लड़ने वाले कामेश्वर की मौत पर खिलखिलाकर हंस पड़े मुसलमान

बेशर्मी इतनी की राम के लिए लड़ने वाले कामेश्वर की मौत पर खिलखिलाकर हंस पड़े मुसलमान

नई दिल्ली :  राम मंदिर निर्माण के लिए पहली ईंट रखने वाले कामेश्वर चौपाल का आज निधन हो गया। कामेश्वर राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी और बिहार विधान परिषत के पूर्व सदस्य रहे हैं। संघ से कामेश्वर चौपाल को पहला कारसेवक होने का दर्जा मिला था। उनके निधन पर बड़े-बड़े राजनैतिक हस्तियों ने शोक जताया है। इसी बीच कुछ ऐसे भी लोग हैं, जो उनके निधन पर खुश हो रहे।

जश्न मना रहे मुसलमान

सोशल मीडिया पर कई पोस्ट शेयर किए जा रहे हैं, जिसमें कामेश्वर चौपाल के निधन वाली खबर पर मुस्लिम समुदाय के लोग हँसते हुए दिख रहे। कामेश्वर वहीं शख्स हैं, जिन्होंने रोटी और राम का नारा साथ में दिया था। 1989 में राम मंदिर निर्माण के लिए हुए शिलान्यास कार्यक्रम में पहली ईंट इन्होंने ही रखी थी। उनकी मौत पर अब कुछ लोग ख़ुशी मना रहे। खास वर्ग से ताल्लुक रखने वाले यूजर्स का कहना है कि मस्जिद तोड़ने वाले के साथ अच्छा हुआ।

कौन थे कामेश्वर चौपाल?

कामेश्वर चौपाल ने 9 नवंबर 1989 को अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर के लिए नींव की पहली ‘राम शिला’ (ईंट) रखी थी। उनकी लोकप्रियता को देखते हुए बीजेपी ने उन्हें चुनाव मैदान में उतारा। वह बिहार के सुपौल के रहने वाले थे। 1991 में उन्हें रोसड़ा लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया था, परंतु इस चुनाव में उन्हें हार मिली। 1995 में इसके बाद उन्हें बेगूसराय की बखरी विधानसभा से टिकट दिया गया था और यहां भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा।









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