दंतेवाड़ा: छत्तीसगढ़ में चुनावों को लेकर माहौल काफी गरम है.त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए वोटिंग होगी. इससे पहले दंतेवाड़ा जिले की 21 ग्राम पंचायतों में निर्विरोध सरपंच चुन लिए गए हैं. इन पंचायतों में कहीं नक्सलियों का खौफ है तो कहीं आपसी सहमति से ये चुनाव हुआ है. जिन गांवों में निर्विरोध सरपंच बने हैं ये पंचायतें नक्सल प्रभावित इलाके की हैं.
तीन चरणों में चुनाव
दरअसल प्रदेश में 17 फरवरी, 20 फरवरी और 23 फरवरी तीन चरणों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होंगे. इसके लिए नामांकन, नाम वापसी से लेकर सारी प्रक्रियाएं हो गई हैं. नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले की 21 ग्राम पंचायतों में चुनाव लड़ने के लिए सिर्फ एक-एक प्रत्याशी ही मैदान में थे. क्योंकि कहीं आपसी सहमति से नाम वापस ले लिए तो कहीं नक्सलियों के खौफ से चुनाव लड़ने को राजी नहीं हुआ. ऐसे में इन पंचायतों में निर्विरोध सरपंच बन गए.
जिले के अंदरुनी गांवों में नक्सलियों का खौफ है. इस भय के कारण कई जगह ग्रामीण वोट देने नहीं जाना चाहते हैं. ऐसे में अपने गांव के ही किसी एक व्यक्ति को मुखिया चुन लेते हैं.
इस तरह भी हुआ चयन
जिले की एक पंचायत तनेली ऐसी भी है जहां इस बार सरपंच चुनने का तरीका बिल्कुल अलग रहा. यहां गांव के ही पढ़े-लिखे युवाओं के 15 सदस्यीय टीम ने सरपंच चुनने का अलग तरीका अपनाया. नामांकन के पहले ग्राम सभा हुई. चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों को बुलाकर उनसे सवाल किया गया. जिसने अच्छा जवाब दिया, उसे सभी की सहमति से सरपंच चुन लिया गया.
इन पंचायतों में निर्विरोध चुनाव
जिले के बड़े गादम, प्रतापगिरी, नड़ेनार, दुवालीकरका, छोटे तोंगपाल, तनेली, कलेपाल, कुटरेम,मुलेर, बड़े बचेली, नेरली, मंगनार, कुंदेली, झिरका, कमालूर, हिड़पाल, हारला, कारली 2, नेलगोड़ा, बुधपदर और छोटे लखापाल में निर्विरोध सरपंच चुन लिए गए हैं.
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