छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव के लिए मंगलवार को शांतिपूर्ण मतदान हुआ. इस दौरान प्रदेश भर की 10 नगर निगम, 49 नगर पालिका और 112 नगर पंचायतों समेत 171 नगरीय निकायों में जनता ने अपना प्रतिनिधि चुनने के मतदान किया है. इसके साथ ही सभी उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला जनता ने ईवीएम में बंद कर दिया है. अब 15 फरवरी को होने वाली मतगणना के बाद ही पता चला है कि कहां किसके सिर जीत का सेहरा बंधेगा और किसे पांच वर्ष और इंतजार करना पड़ेगा.
गरियाबंद जिले में सबसे ज्यादा 84.65% मतदान
गरियाबंद में सबसे ज्यादा 84.65% मतदान हुआ. इसके बाद बस्तार संभाग के कांकेर में 81.13% मतदान हुआ. वहीं, कांडा गांव में 72.30 प्रतिशत, महासमुंद में 70.48%, जशपुरनगर में 71.40 प्रतिशत, दुर्ग में 67.96 प्रतिशत, राजनांदगांव में 75.82% , धमतरी जिले में 76.10% मतदान हुआ.
गरियाबंद जिला में ऐसा रहा मतदान
कांकेर 81.13% हुआ मतदान
कोंडागांव ऐसा रहा मतदान
दुर्ग में 67.96 प्रतिशत हुआ मतदान
महासमुंद में 70.48 % मतदान हुआ
जशपुरनगर 71.40 प्रतिशत हुआ मतदान
1. जशपुरनगर- 59.03 प्रतिशत
2. कुनकुरी- 76.50 प्रतिशत
3. बगीचा- 78.81 प्रतिशत
4. पत्थलगांव - 74.04 प्रतिशत
5. कोतबा- 89.32 प्रतिशत
राजनांदगांव में 75.82% मतदान हुआ
1. राजनांदगांव - 74.12%
2. डोंगरगढ़ - 77.85%
3. डोंगरगांव - 81.31%
4. छुरिया - 93.13%
5. लाल बहादुर नगर- 90.64%
एमसीबी में 69.27% मतदान हुआ
सूरजपुर 65.32% हुआ मतदान
नगरपालिका सूरजपुर 72.18
नगर पंचायत विश्रामपुर 63.54
नगर पंचायत जरही 61.42
नगर पंचायत भटगांव 53.43
नगर पंचायत प्रतापपुर 76.07
दरअसल, छत्तीसगढ़ में शहरी सरकार चुनने के लिए मतदाताओं में काफी उत्साह दिखा. सुबह 8:00 बजे से वोटिंग शुरू शुरू हुई. हालांकि, कई मतदान केंद्रों पर उससे पहले ही लोगों की लंबी-लंबी कतारें लग चुकी थी. सुबह आठ बजे से शाम 5:00 तक हुई इस वोटिंग में दिनभर मतदान केन्द्रों पर मतदाताओं की भीड़ उमड़ती रही. इस दौरान एक साल की बच्ची को गोद में लिए महिला से लेकर 80 साल की बुजुर्ग महिला भी मतदान केंद्र पर देखी गई.
प्रशासनिक लापरवाही भी दिखी
नगरी निकाय चुनाव में मतदाताओं का तो काफी उत्साह दिखा, लेकिन कई जगह पर प्रशासनिक लापरवाहियां भी सामने आईं. कई केंद्रों पर ईवीएम में खराबी तो कुछ जगहों पर मतदाताओं को गलत मतदान केंद्र की पर्ची देने जैसा मामला सामने आया. दुर्ग में गलत मतदान केंद्र की पर्ची देने का मामला सामने आया. इसके अलावा, अलग-अलग जगहों से ईवीएम खराब होने के मामले भी सामने आए.
स्थानीय सरकार बनाने के लिए छत्तीसगढ़ की जनता ने अपना फैसला EVM में लॉक कर दिया है. जनता को किसके वादे पसंद आए और किनके वादों पर घर भरोसा करते हुए उसने अपने लोकतंत्र के सबसे बड़े अधिकारी का उपयोग किया है.इसका फैसला 15 फरवरी को चुनाव परिणाम के साथ ही सामने आएंगे.
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