इंजीनियरिंग छोड़कर लिया खेती करने का फैसला, आज खेती से ही हो रही 48 करोड़ की कमाई

इंजीनियरिंग छोड़कर लिया खेती करने का फैसला, आज खेती से ही हो रही 48 करोड़ की कमाई

आज हम आपको प्रयागराज के रहने वाले प्रदीप कुमार द्विवेदी की कहानी के बारे में बताएंगे. प्रदीप कुमार द्विवेदी पहले इंजीनियर थे लेकिन बाद में उन्होंने इंजीनियरिंग छोड़कर खेती करने का फैसला लिया. प्रदीप ने ऑर्गेनिक फार्मिंग की, जिसमें उन्होंने क्विनोआ, मोरिंगा और चिया जैसी फसलें उगाई. शुरूआत में प्रदीप को कई मुश्किलों का सामना भी करना पड़ा लेकिन बाद में प्रदीप को खेती में सफलता मिला और आज प्रदीप खेती से सालाना 48 करोड़ की कमाई कर रहे हैं. साथ में किसानों को रोजगार भी दे रहे हैं. आइए जानते हैं प्रदीप कुमार द्विवेदी के इस सफर के बारे में.

26 साल तक रहे इंजीनियरिंग सेक्टर में

प्रदीप कुमार ने कानपुर से फूड साइंस में बीटेक की है. साथ में केमिकल इंजीनियरिंग में एमटेक भी की है. इसके बाद उन्होंने अपने इंजीनियरिंग करियर को आगे बढ़ाया और कई जगहों पर काम किया. प्रदीप को R&D, प्रोडक्ट इंजीनियरिंग, क्वालिटी एनालिसिस (QA), क्वालिटी चेक (QC) और प्रोजेक्ट मैनेजमेंट जैसे क्षेत्रों में 26 सालों का अनुभव है. उन्होनें फूड, फार्मास्यूटिकल्स, केमिकल्स, हर्बल और एफएमसीजी जैसे उद्योगों में भी काम किया है.

इंजीनियरिंग छोड़कर शुरू की खेती

साल 2010 में प्रदीप ने अपने इंजीनियरिंग करियर को छोड़ने का फैसला लिया और ऑर्गेनिक फार्मिंग करने का तय किया. इसके लिए उन्होंने फतेहपुर जिले में 300 एकड़ जमीन पर खेती और कॉन्‍ट्रैक्‍ट फार्मिंग करना शुरू किया. प्रदीप ने अपनी अमेरिका की यात्रा के दौरान क्विनोआ के बारे में जाना, जिसके बाद उन्होंने क्विनोआ को उगाना शुरू किया. बाद में उन्होंने क्विनोआ के बारे में अच्छे से जाना और इसकी खेती करना शुरू किया. प्रदीप आज क्विनोआ, चिया सीड्स, मूली, मोरिंगा, अलसी आदि की खेती करते हैं.

आज सालाना 48 करोड़ की कमाई

प्रदीप आज अपने खेती के कारोबार में पूरे 40,000 किसानों के साथ काम करते हैं. शुरुआत में प्रदीप ने खेती से 5 लाख का कारोबार किया, जो आज सालाना 48 करोड़ के कारोबार में बदल गया है.









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