छत्तीसगढ़ में सहकारी समितियों के घोटाले, अब तक इन पर हुई कार्रवाई

छत्तीसगढ़ में सहकारी समितियों के घोटाले, अब तक इन पर हुई कार्रवाई

छत्तीसगढ़ में सहकारी समितियों के घोटाले का मामला सामने आया है। यह मामला भले ही पुराना है, लेकिन उसका खुलासा अब हुआ है। केंद्रीय सहकारी बैंक की 31 शाखाओं और उनसे जुड़ी 150 सहकारी समितियों के लोगों ने मिलकर 100 करोड़ का घोटाला कर डाला।

यह घोटाला किसानों के खाद, बीज के लिए लेने वाले कर्ज और धान खरीदी के भुगतान को लेकर किया गया। सैकड़ों फर्जी खाते खोले गए, जिनके जरिए यह अनियमितता की गड़ी इस पूरे गोरखधंधे की जांच ईओडब्ल्यू से कराने की तैयारी की जा रही है। आइए आपको बताते हैं क्या है पूरा मामला और इसे किस तरह अंजाम दिया गया।

यह है पूरा मामला

केंद्रीय सहकारी बैंक की 31 शाखाएं और उससे जुड़ी 150 आदिमजाति सहकारी समितियों ने मिलकर किसानों के लोन के नाम पर 100 करोड़ रूपए से ज्यादा की गड़बड़ी कर दी। मामला सरगुज्ज केंद्रीय सहकारी बैंक का है। इस संभाग में बैंक की अलग-अलग जगह 31 शाखाएं हैं। इन शाखाओ से 153 सहकारी समितियां जुड़ी हुई हैं। इन सहकारी समितियों का सीधा ताल्लुक किसानों से हैं। किसान इन समितियों के जरिए ही खाद, बीज और नकद लोन लेते हैं।

इन बैंकों और समितियों के अधिकारी-कर्मचारियों ने मिलकर किसानों के नाम पर 100 करोड़ का घोटाला कर डाला। इन बैंकों में 30 हजार से ज्यादा ऐसे खाते थे जिनमें 10 सालों से कोई लेन देन नहीं हुआ था लेकिन इस दौरान उनमें राशि का अंतरण हुआ है। मामला भूपेश सरकार के कार्यकाल का है जिसका खुलासा अब हुआ। हाल ही में हुई बैठक में नाबार्ड ने कुछ सहकारी समितियों के लेन देने में गड़बड़ी की बात उठाई। जब इस मामले की जांच की गई तो हैरान करने वाला मामला सामने आया। 6 बैंकों की जांच में 25 करोड़ का घोटाला सामने आ चुकी है।

अब राज्य स्तरीय समिति बनाकर इन सभी बैंक शाखाओं और सहकारी समिति की जांच की जा रही है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार इनमें गड़बड़ी का आंकड़ा 100 करोड़ से उपर जा सकता है। ईओडब्ल्यू से इस पूरे मामले की जांच कराने की तैयारी की जा रही है।

एक पेनकार्ड पर 5 हजार से ज्यादा खाते

सहकारी बैंक के 4 लाख खातों में से 2 लाख से ज्यादा खातों की जांच की गई। इस जांच में 24 हजार बैंक खाते ऐसे थे, जिनमें एक ही मोबाइल नंबर दर्ज था। 6 हजार खाते ऐसे थे जिनमें केवायसी अपूर्ण थी। पांच हजार से ज्यादा खाते एक ही पेनकार्ड पर खोले गए थे। इन खातों के जरिए ही घोटाले का लेनदेन किया गया। इन खातों में धान खरीदी के फर्जी भुगतान होने की भी आशंका है। इन सभी खातों में रोक लगा दी गई है।

अब तक इन पर हुई कार्रवाई

सरगुजा कलेक्टर की जांच में गबन की पुष्टि होने पर बैंक अधिकारी_कर्मचारियों पर कार्रवाई की गई है। शंकरगढ़ शाखा के ब्रांच मैनेजर अशोक सोनी, एकाउटेंट जगदीश प्रसाद, कंप्यूटर ऑपरेटर प्रकाश सिंह और पूर्व प्रबंधक समल साय को निलंबित कर दिया गया है।

वहीं, रामानुजगंज ब्रांच के तत्कालन प्रबंधक शंकरराम भगत समेत कंप्यूटर ऑपरेटर और क्लर्क को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। प्रेमनगर और राजपुर शाखा के अधिकारियों पर भी कार्रवाई की गई है। इन अधिकारियों ने किसानों के नाम पर लोन, केसीसी में गड़बड़ी, फर्जी तरीके से धनराशि का समायोजन, एफडी में गड़बड़ी कर गबन किया है। इनके खिलाफ एफआईआर भी की गई है।






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