केरल : केरल के पलाई में एक रोमन कैथोलिक चर्च की जमीन पर प्राचीन मंदिर के अवशेष मिले हैं। यह मंदिर करीब 100 साल पहले नष्ट हो गया था। इसके बाद चर्च ने हिंदू भक्तों को धार्मिक अनुष्ठान देवप्रसन्नम करने की इजाजत दे दी है। देवप्रश्नम एक ज्योतिषीय अनुष्ठान है, जिससे भगवान की इच्छा जानी जाती है। स्थानीय हिंदू संगठनों और चर्च के अनुसार पिछले हफ्ते जब 1.8 एकड़ जमीन पर कसावा (टैपियोका) की खेती के लिए खुदाई की जा रही थी, तब शिवलिंग समेत मंदिर के अवशेष मिले। यह जमीन वेल्लप्पाडु के श्री वनदुर्गा भगवती मंदिर से करीब एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस मंदिर के अधिकारी इस जगह पर देवप्रसन्नम करने की प्लानिंग कर रहे हैं।
वेल्लप्पडु में श्री वनदुर्गा भगवती मंदिर समिति के सदस्य विनोद केएस ने कहा, ‘मंदिर के अवशेष 4 फरवरी को मिले थे और हमें इसके बारे में दो दिन बाद पता चला, जब स्थानीय लोगों ने उस जगह का दौरा किया और दीप जलाए। हमने तुरंत बिशप के घर के पुजारियों से संपर्क किया। दोनों पक्ष एक साथ बैठे और उनका रुख बेहद ही अच्छा था और फिर वे जमीन पर देवप्रसन्नम आयोजित करने के लिए माने।’ उन्होंने आगे कहा कि मंदिर समिति किसी भी मुद्दे से बचने के लिए इस स्तर पर जमीन से दूर रह रही है।
हिंदू समुदाय से हमेशा प्रेमपूर्ण व्यवहार रखेंगे- पलाई डायोसीज के चांसलर
पलाई डायोसीज के चांसलर फादर जोसेफ कुट्टियानकल ने भी मंदिर के अवशेष मिलने की पुष्टि करते हुए और देवप्रसन्नम आयोजित करने का जिक्र कर कहा कि पलाई में हिंदू समुदाय के साथ हमारे बहुत ही सौहार्दपूर्ण और अच्छे संबंध है। इतना ही नहीं हम उस सद्भाव को बनाए रखेंगे। हमारा धर्मप्रांत उनकी मांगों के लिए बेहद ही अच्छा नजरिया रखता है। मीनाचिल में हिंदू महासंघ के अध्यक्ष एडवोकेट राजेश पल्लट ने कहा कि वे चर्च के इस कदम से बहुत प्रभावित हुए हैं।
हिंदू समुदाय ने किया स्वागत
मीनाचिल में हिंदू महासंघ के अध्यक्ष एडवोकेट राजेश पल्लट ने कहा, ‘हमारे पूर्वज एक मंदिर के अस्तित्व को याद करते थे। मंदिर के साथ-साथ जमीन एक ब्राह्मण परिवार के पास थी। अतीत में शायद एक सदी पहले, मंदिर नष्ट हो गया और संपत्ति कई हाथों से होते हुए हिंदुओं से ईसाइयों के पास चली गई और फिर पलाई सूबा तक पहुंच गई।’ यू
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