मुखिया के मुखारी – सुशासन दिखना भी चाहिए.....   

मुखिया के मुखारी – सुशासन दिखना भी चाहिए.....   

दिल्ली के मालिक हम है,हमे चुनाव हराने के लिए दूसरा जन्म लेना होगा ,गर्वोक्ति से भरे इन वाक्यों ने शराब घोटाले ,शीशमहल के आरोपों से घिरने के बाद भी  स्वयंभू कट्टर ईमानदार झूठ ,फरेब के साथ नौटंकी करते रहे, आपदा बन रुखसत हुए अपने लिए विपदा मोल ले ली,सत्ता गई अब घोटालों की नई -नई फाईले खुलेंगी, हार के साथ कानून का प्रहार होगा,जेल जाने के बाद भी केजरी अपनी हरकतों से बाज नही आए ,यमुना सफाई तों नही,यमुनाजल में जहर मिलाने का अफवाह फैलाया,केजरी मीडिया का दुलारा था इतना सब करने के बाद भी दुलारा ही रहा, मीडिया ने कभी उससे सवाल नही पूछा, मोदी विरोध में अंधतत्व के शिकार बुद्धजीवियों (मीडिया ) ने उसे नाजायज अपनत्व दिया,घोटालों की भेट चढ़ी केजरी सरकार, कैग रिपोर्ट के बाद विपक्ष की प्रभावशीलता भी खो देगी ,यही हाल छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार का था,घोटाले दर घोटाले, चाटुकारों की फ़ौज, एकमेव स्वहित का लक्ष्य ने, आपार ऐतिहासिक बहुमत की सरकार की रुखसती तय कर दी । आपार बहुमत वहां भी था और यहां भी ,कारण एक, परिणाम एक, वही गर्वोक्ति वहां संजय यहां सौम्या जैसों की चौकड़ी ने जन से सरकार की कड़ी तोड़ दी, सरकार मंत्रालय और महलों तक सिमट कर रह गई,जनता से दूर हो गई,मीडिया के दुलारे वों भी थे और ये भी।

छत्तीसगढ़ में भी खोजी पत्रकारिता खोजने से नही मिलती थी, दी जों पत्रकारिता ने ली जों की प्रवृति को बढ़ावा दिया, पत्रकारिता ली जों दी जों तक सिमटकर रह गई ,घोटाले घपलों की भनक इन्हें थी ,पर वों जनता तक ना पहुंचे इसका पूरा जतन किया गया,जाँच एजेंसियों के खुलासे तक मीडिया मौन थी, संवाद और डीपीआर के विज्ञापनों के लिए मीडिया हाथ जोड़ घुटने टेक बैठी थी,घोटालों आरोपियों की इतनी लम्बी फेहरिस्त एक ही दिन में तों नही बनी होगी ?  विभाग दर विभाग घपले घोटाले प्रशासनिक, पुलिस अन्य विभाग के अधिकारी कर्मचारी सबकी संलिप्प्त्ता, मुख्य सचिव स्तर का पूर्व अधिकारी आरोपियों की सूची में , कितनी गहरी जड़े थी भर्ष्टाचार की ।सरकार अपनी वापसी की मुग्धता में थी,  भर्ष्टाचार से मुग्ध थी, दर्प टुटा जनता ने स्वहित को नकारा,घोटालों से जनमत घट गया ,आपार बहुमत की सरकार सत्ता के उस पार पहुँच गई,छत्तीसगढ़ियों की छत्तीसगढ़िया सरकार होने का दावा करने वाली सरकार ने एक -एक छत्तीसगढ़ियों के हितों को कुचला ,भविष्य बर्बाद किया, कल हारने और जीतने वालों की ,आरोंप लगाने वालों और आरोपियों का पहला परीक्षा फल आने वाला है।

आचार संहिता में पुलिस सख्त और सजग रहती है, इन परिस्थितियों में भी बुलंद शराब तस्करों ने करोड़ो का माल छत्तीसगढ़ में खपा दिया, चार करोड़ की शराब जब्त हो गई ,समान्य दिनों में दिन दहाड़े यही होता होगा ,जो अधिकारी शराब सट्टे और हर घोटालों में पैसे लेने के आदि है वों बदल तों नही गए होंगे? जिन पुलिस अधिकारियों पर सट्टे के पैसे लेने के आरोंप है ,जिन आबकारी अधिकारियों पर शराब माफियाओं को संरक्षण और उनसे वसूली का आरोप है ,कई विभाग के कारिंदे जेलों में बंद है ,वहां ईमानदारी की अपेक्षा बेमानी है,घपलों घोटालों की जाँच की जवाबदारी पुलिस की है, और पुलिस के ही अधिकारी वसूली, घूस में अपने भाग के लिए भागम भाग मचाए थे ,जमीन आसमान एक किए बैठे थे ,वों क्या अब ईमानदारी का साज बजा रहे होंगे? तेरह महीनें के सुशासन के दावे फिर भी कानूनी दांवो में उलझी चींजे ,नामजद आरोपी घूम रहे, जाँच के दावे हो रहे, भर्ष्टतम सरकार के फ़ौज से चुनिदा गिरफ्तारियां संशय पैदा करेंगी । सरकार की छवि धूमिल करेंगी, सुशासन की इस सरकार में दो युवा चेहरें है,गृह और वित्त की जिम्मेदारी सम्हाल रहे है, पर कुछ ज्यादा ही शालीन दिख रहे है,आक्रमकता ना हो ,सच के खोज की चाहत ना हो तों केन्द्रीय मंत्री भी महिला होकर सिर्फ विधायक रह जाती है,ये इतिहास छत्तीसगढ़ का ही है,दस नगर निगमों में भाजपा अंबिकापुर और चिरमिरी को लेकर सशंकित है ,चिरमिरी में पत्नी की जगह पति विधायकी का चुनाव हार, निष्कासन के बाद वापसी कर चुनाव लड़ रहे,जीत भाजपा की मुश्किल नही दिखती पर अंबिकापुर में बाबा का जलवा और डॉक्टर तिर्की का व्यक्तित्व क्या समीकरण बनाएगा कहना कठिन है, फिर भी पलड़ा थोड़ा भाजपा की ओर झुका दिखता है,शहरी सरकार के चुनाव से सुशासन अर्ध परिभाषित होगा बाकि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव नतीजों से पूर्णता प्राप्त करेगा,व्यवस्थाएं बदलनी होंगी पूर्वजो के पूण्य से नही अपने सामर्थ्य से स्वीकार्यता पानी होगी । छत्तीसगढ़ के सुदूर गढ़ में काना फूसी हो रही साला नोई लेकर जीजा दुहने चला है ,सत्ता दर्शन का ठिकाना बना रखा है, काना फूसी जन धारणा में न बदल जाए उससे पहले सम्हलिए ,रोज जमीन का फर्जीवाड़ा पुस्तक घोटाले में पांच जिला शिक्षा अधिकारियों के नाम क्या है आपका दंड विधान? ,आरोंप आरोंप ही न रह जाए ऐसा जतन करिए, सुशासन है तों सुशासन के दावे ही नही न्याय के संग -----------------------------------------सुशासन दिखना भी चाहिए..... 

चोखेलाल
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मुखिया के मुखारी में व्यवस्था पर चोट करती चोखेलाल

 






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