चायवाले जीवर्धन चौहान बने रायगढ़ के मेयर

चायवाले जीवर्धन चौहान बने रायगढ़ के मेयर

रायपुर :  बीजेपी के रायगढ़ से मेयर प्रत्याशी जीवर्धन चौहान ने रायगढ़ नगर निगम में बड़ी जीत हासिल करते हुए भाजपा खेमे में खुशी ला दी है. उन्होंने कांग्रेस की जानकी काटजू को 34 हजार वोटों से हराया. 33 वार्डों में भी बीजेपी को जीत मिली है. छत्तीसगढ़ की रायगढ़ नगर निगम सीट पर बीजेपी ने कब्जा कर लिया है. जीवर्धन सिंह चौहान, जो शहर में चाय की दुकान चलाते हैं. चुनाव प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री साय उनकी दुकान पर गए थे और अपने हाथों से चाय बनाई थी. जीवर्धन सिंह ने कांग्रेस की जानकी काटजू को हराया है. इस चुनाव में राज्‍य के वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने पूरी ताकत झोंक दी थी.

छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव के लिए मतगणना जारी है. ज्यादातर निगमों में बीजेपी उम्मीदवार जीत रहे हैं. 15 साल बाद रायपुर नगर निगम में बीजेपी उम्मीदवार ने महापौर पद के लिए जीत दर्ज की है. बीजेपी की मीनल चौबे बंपर वोटों से विजयी हुई हैं. वहीं, जगदलपुर में महापौर पद पर बीजेपी के संजय पांडे ने जीत दर्ज की है. कोरबा में बीजेपी की संजू देवी राजपूत जीती हैं. बाकी निगमों में भी बीजेपी उम्मीदवार आगे चल रहे हैं. 33 नगर पालिका में बीजेपी और 8 पर कांग्रेस प्रत्याशी आगे चल रहे हैं. 8 नगर निगम में निर्दलीय प्रत्याशी आगे हैं. 67 नगर पंचायतों में भी बीजेपी ने जीत दर्ज की है. बोदरी नगर पालिका में आप पार्टी की नीलम विजय वर्मा ने जीत हासिल की है.

कांग्रेस की चिंताजनक स्थिति, बड़ी संख्‍या में उम्‍मीदवार हारे
छत्तीसगढ़ निकाय चुनाव में कांग्रेस की हालत खराब है. 10 नगर निगम में कांग्रेस का एक भी उम्मीदवार महापौर पद का चुनाव जीत नहीं पाया. कई नगर पालिका चुनावों में भी कांग्रेस बुरी तरह हारती नजर आ रही है. दरअसल,  6 निगमों में बीजेपी उम्मीदवार जीते हैं और चार पर उनकी जीत नजर आ रही है. इसका मतलब है कि 10 में से 10 नगर निगम चुनाव में भाजपा  हैं. 49 नगर पालिका में से केवल 8 पर ही कांग्रेस उम्मीदवार जीत की ओर हैं. 114 नगर पंचायतों में से 20 पर ही कांग्रेस आगे है. इन परिणामों ने कांग्रेस की चिंताजनक स्थिति को उजागर कर दिया है.

कांग्रेस नेता ने ईवीएम को दिया दोष, कहा- बैलेट से होती वोटिंग तो…
चुनाव के दौरान सभी दावों के बावजूद कांग्रेस का प्रदर्शन खराब रहा. निकाय चुनाव में मिली हार पर कांग्रेस नेता ईवीएम को निशाना बना रहे हैं. उनका कहना है कि अगर बैलेट से वोटिंग होती तो हम जीतते, लेकिन ईवीएम की वजह से हार का सामना करना पड़ा है. उल्लेखनीय है कि कई जिलों में स्ट्रांग रूम के बाहर कांग्रेस कार्यकर्ता दिन-रात पहरा दे रहे थे.






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