अमेरिका अब अवैध प्रवासियों के खिलाफ सख्त,डिपोर्ट करने में लग जाएंगे इतने साल...

अमेरिका अब अवैध प्रवासियों के खिलाफ सख्त,डिपोर्ट करने में लग जाएंगे इतने साल...

 नई दिल्ली : दुनिया के लगभग हर देश का शख्स एक बार अमेरिका जरूर जाना चाहता है। लेकिन शानदार व्यवस्थाएं और बेहतर जिंदगी के सपने दिखाने वाला अमेरिका अब अवैध प्रवासियों के खिलाफ सख्त हो गया है। यही वजह है कि अब अवैध प्रवासियों को चुन-चुन कर बाहर निकाला जा रहा है।

आंकड़े बताते हैं कि अमेरिका में करीब 11 मिलियन लोग बिना दस्तावेज के अवैध तरीके से रह रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अवैध रूप से अमेरिका में रह रहे लोगों के खिलाफ एक बड़ा डिपोर्टेशन प्रोसेस शुरू किया है। इसमें बड़ी संख्या में भारतीय भी शामिल हैं।

काफी ज्यादा है अवैध प्रवासी भारतीय

डोनाल्ड ट्रंप ने शुरुआत से ही कड़ी इमीग्रेशन पॉलिसी को प्राथमिकता दी है। ट्रंप के एजेंडे का केंद्र बिंदु भी बिना दस्तावेज अमेरिका में रह रहे लोगों को डिपोर्ट करना है। इसके पीछे उनके अपने तर्क हैं। ट्रंप का मानना है कि इससे नेशनल सिक्योरिटी बेहतर होगी, अमेरिकी नागरिकों के लिए नौकरी बचेगी और कानून-व्यवस्था कायम रहेगी।

अमेरिका में करीब 11 मिलियन लोग बिना दस्तावेज के रह रहे हैं। इसमें से एक बड़ी आबादी भारतीयों की है। हालांकि अमेरिका ने अब तक केवल 18000 अवैध भारतीय प्रवासियों की पहचान की है। लेकिन ये आंकड़े भी सोर्स के अनुसार अलग-अलग हैं।

उदाहरण के लिए, माइग्रेशन पॉलिसी इंस्टीट्यूट ने 3.75 लाख भारतीयों का आंकड़ा बताया है, जबकि प्यू रिसर्च सेंटर ने 2022 अमेरिकन कम्युनिटी सर्वे के आधार पर 7.25 लाख का आंकड़ा दिया है। लेकिन ये सच है कि अमेरिका में अवैध भारतीय प्रवासियों की संख्या वाकई ज्यादा है।

104 भारतीयों को किया डिपोर्ट
5 फरवरी को अमेरिका ने 104 भारतीयों को डिपोर्ट कर दिया था, जो डंकी रूट के जरिए अमेरिका में अवैध रूप से घुसे थे। डोनाल्ड ट्रंप की डिपोर्टेशन पॉलिसी के तहत भारत भेजे जाने वाले भारतीयों का ये पहला ग्रुप था। इन्हें अमेरिकी वायुसेना से सी-17 एयरक्राफ्ट से डिपोर्ट किया गया, जिसे ऑपरेट करने में हर घंटे 28,500 डॉलर का खर्च आया।

विदेश मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़े के मुताबिक, 2009 से अब तक अमेरिका ने 15,756 अवैध प्रवासी भारतीयों डिपोर्ट किया है। सबसे बड़ा डिपोर्टेशन 2019 में हुआ था, जब 2042 भारतीयों को वापस भेज दिया गया था।

सरकारी खजाने पर बढ़ेगा दबाव

प्यू रिसर्च के मुताबिक, अमेरिका पहुंचने वाले अवैध प्रवासियों में सबसे अधिक अमेरिका के नागरिक हैं। इनकी संख्या 40.5 लाख है। इसके बाद अल सल्वाडोर के 7.5 लाख, भारत के 7.25 लाख, ग्वाटेमाला के 6.75 लाख और होंडूरास के 5.25 लाख लोग हैं।

जाहिर है कि इतने लोगों को डिपोर्ट करने से अमेरिकी सरकार के खजाने पर दबाव भी बढ़ेगा। एक अनुमान के मुताबिक, अगर हर साल अमेरिका 10 लाख लोगों को डिपोर्ट करता है, तो उसे इसके लिए 88 बिलियन डॉलर सालाना खर्च करने पड़ेंगे। इसका मतलब ये हुआ कि पूरे प्रोजेक्ट की लागत करीब 967.9 बिलियन डॉलर हो जाएगी।

किन्हें किया जा रहा डिपोर्ट?

  1. डोनाल्ड ट्रंप की डिपोर्टेशन नीति ने इंफोर्समेंट एजेंसियों को ये अधिकार दे दिया है कि वह किसी भी व्यक्ति को बिना सुनवाई डिपोर्ट कर सकती हैं। पहले ये पॉलिसी केवल अमेरिकी बॉर्डर के 160 किलोमीटर के दायरे तक सीमित थी, लेकिन इसे अब पूरे देश में लागू कर दिया गया है।
  2. अमेरिका से उन लोगों को भी डिपोर्ट किया जाएगा, जो 2 साल से वहां रह रहे हैं और शरण लेने के लिए आवेदन साबित नहीं कर पाए हैं। ट्रंप के प्रशासन में आईसीई द्वारा की जाने वाली गिरफ्तारियां भी बढ़ी हैं। जानकारों का मानना है कि सभी अवैध प्रवासियों को डिपोर्ट करने में अमेरिका को 17 साल लग जाएंगे।






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